चंडीगढ़। खुद को जीवित साबित करने के लिए 102 साल के बुजुर्ग ने अनोखा तरीका अपनाया। दुलीचंद नाम के इस शख्स ने अपना बारात निकाली और बाकायदा रथ में सवार हुए। देखें वीडियो
सरकार ने रोक दी है वृद्धावस्था पेंशन
दरअसल गांधरा गांव निवासी दुलीचंद को कागजों में मृत घोषित करने के बाद उनकी पेंशन प्रदेश सरकार ने बंद कर दी। इस कारण मजबूरन उन्हें ये कदम उठाना पड़ा। उन्होंने एक दूल्हा की तरह नोटों की माला पहनी और रोहतक शहर में मानसरोवर पार्क से नहर विश्राम गृह तक बारात निकाल कर राज्य सरकार को ये चेताया कि मैं अभी जिंदा हूं, मेरी पेंशन बहाल की जाये।
तख्ती पर लिखा था ‘थारा फूफा अभी जिंदा है’
दुलीचंद और उनके समर्थकों ने तख्तियां ले रखीं थीं, जिसमें लिखा था कि ‘थारा फाफा अभी जिंदा है’। अपनी इस यात्रा के अंत में दुलीचंद पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनीष ग्रोवर से मिले। उन्होंने ग्रोवर को अपने कागजात दिखाते हुए उनकी पेंशन बहाली की मांग की। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
आधार कार्ड और बैंक स्टेटमेंट हैं सबूत
दुलीचंद आम आदमी पार्टी हरियाणा इकाई के पूर्व प्रमुख नवीन जयहिंद के साथ आए थे। जयहिंद ने कहा कि 102 वर्षीय व्यक्ति जीवित है और इसे साबित करने के लिए उनके पास आधार कार्ड, पारिवारिक आईडी और बैंक स्टेटमैंट हैं, जबकि सरकारी रिकार्ड में दुलीचंद को मृत दिखाया गया है और उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गयी है।