हरिद्वार। महिलाएं रो-रोकर मौत की वजह बयां कर रही हैं, किसी का सुहाग उजड़ गया, किसी की रोजी-रोटी का सहारा चला गया, तो किसी के घर के दीपक बुझ गया, और सरकार है कि मानती ही नहीं कि मौतें शराब की वजह से हुई हैं। ये प्रश्न उठना भी लाजनी है कि जब शराब से मौतें नहीं हुईं, तो फिर आबकारी के कर्मचारियों को निलंबित क्यों किया गया। एसडीएम पूरण सिंह राणा का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। चश्मदीद साफ साफ बयां कर रहे हैं कि ये कांड हुआ कैसे। बहरहाल रिपोर्ट जो भी कहती हो, लेकिन इतना तो साफ है कि प्रशासन अपने आपको पाक-साफ करने में लगा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होना प्रशासन की मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। फिलहाल पुलिस ने बिसरा सुरक्षित रख लिया है।
प्रधान प्रत्याशी के पति ने बांटी थी मौत
फूलगढ़ में हुए शराबकांड की पटकथा एक प्रधान पद की प्रत्याशी के पति ने लिखी थी। उसी ने ही तीन-चार महीने शराब की खेप दबाकर रखी थी, जिसे वह पिछले दस दिन से मतदाताओं को बांट रहा था। पुलिस दबाई खेप भी बरामद कर ली है। हालांक उसने कच्ची शराब बनाने में पुराने तौर-तरीके ही प्रयोग करने का दावा किया है। जल्दी ही प्रत्याशी पति की गिरफ्तारी हो सकती है। प्रत्याशी पति शहर के एक नामी अस्पताल में कंपाउंडर भी रह चुका है। डीएम की ओर से इस पूरे प्रकरण पर मजिस्ट्रीयल जांच बैठा दी गयी है।
व्हाट्सएप ग्रुप से बांटी जाती है शराब
शराब बांटने के लिए प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के व्हाट्सएप ग्रुप बना रखे हैं। एक बार में 10 लोगों को शराब के लिए बुलाया जाता है। महिलाओं के विरोध के कारण घरों में शराब नहीं पहुंचाई जाती। एक युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज के द्वारा लोगों को बुलाया जाता है। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
हत्या का मुकदमा दर्ज
कच्ची शराब पीने से ग्रामीणों की मौत होने के मामले में पथरी थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। महिला एसआई प्रीति गुसाई की तरफ से तहरीर दी गयी थी।
पथरी क्षेत्र में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी व्यक्ति की जान सबसे ऊपर है, इससे कीमती कुछ नहीं। इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिये गये हैं। आबकारी निरीक्षक सहित विभाग के नौ कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया है
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री