पुलिसवालों को रास नहीं आया सीएम का झुनझुना, कोर्ट जाने की तैयारी में पुलिसकर्मी
देहरादून। पुलिसवालों को सीएम के नया रैंक व ग्रेड पे 4200 करने वाला झुनझुना रास नहीं आया है। पुलिसकर्मी डीजीपी अशोक कुमार भेंट कर कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। पिछले सात साल से पुलिसकर्मी और उनके परिजन 4,600 ग्रेडपे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि सीएम के फैसले को डीजीपी अशोक कुमार ने प्रशंसनीय बताया है, लेकिन जिन्हें इसका लाभ मिलना है, उन्हें सरकार का यह फैसला अभी भी झुनझुना ही लग रहा है।
आज डीजीपी से मिलकर रखेंगे अपनी मांग
हेड कांस्टेबल रैंक के नए पद और एएसआई का नया रैंक बनाये जाने व ग्रेड पे 4200 रुपये की मुख्यमंत्री की घोषणा से पुलिसवालों में भारी निराशा है। उनका कहना है कि यदि यही मांग माननी थी तो सात साल पहले ही मान लेते। आज सोमवार को पुलिसवालों के परिजन डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।
कोर्ट जाने की तैयारी में पुलिसकर्मी
सरकार की ओर से दिए गये ग्रेड पे लेकर अब पुलिसकर्मी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सोच रहे हैं। उनका कहना था कि उन्हें 4,600 ग्रेड पे को लेकर दो बार नीति में बदलाव किया गया और जब ग्रेड पे देने का नंबर तो ग्रेड पे ही घटा दिया गया।
4,200 ग्रेड पे व्यवस्था कहीं नहीं
पुलिसकर्मियों का कहना है कि यह व्यवस्था पूरे देश में कहीं भी नहीं है। 4,200 ग्रेड के साथ किसी भी राज्य में पुलिस में एएसआई का पद ही नहीं है। यह पद केवल 2,800 ग्रेड पे के साथ में होता है। उनका कहना है कि नियमों का हवाला देते हुए सरकार इससे कभी भी हाथ खींच सकती है। https://sarthakpahal.com/
सिपाहियों ने कहा उनके साथ धोखा हुआ
उत्तराखंड पुलिस की पहली भर्ती 2001 में हुई थी। उस समय सिपाहियों में पदोन्नति की तय समय सीमा 8, 12 और 22 साल थी। भर्ती के समय 2000 ग्रेड पे होता था, इसके आठ साल 2,400, 12 साल बाद 4,600 और 22 साल बाद 4,800 देने का प्रावधान था। जब 2013 में ग्रेड पे का लाभ मिलने था लेकिन उससे पहले ही सरकार ने समय सीमा 10, 20, और 30 वर्ष कर दी। पिछले दिनों शासन ने ग्रेड पे को ही घटा दिया। सिपाहियों का कहना है कि जब उनका नंबर आया तब नियम बदलकर उनके साथ धोखा किया गया है।