जीबी पंत घुड़दौड़ी के पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार देहरादून से गिरफ्तार

पौड़ी। जीबी पंत इंजीनियरिंग संस्थान घुड़दौड़ी के पूर्व सचिव संदीप कुमार को वित्तीय अनियमितताओं, करोड़ों की हेराफेरी में एसआईटी ने देहरादून में गिरफ्तार किया है।
संदीप कुमार ने कुलसचिव पद पर रहते हुए अवैध तरीके से एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के 44 पदों पर नियुक्तियां करने, निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता, टीक्यूप फंड से 2 करोड़ की हेराफेरी, मैस के लिए बर्तनों की खरीद में अनियमितता सहित तमाम अवैध कार्य किये हैं, जिसके तहत एसआईटी ने गिरफ्तार कर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। अदालत ने संदीप कुमार को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। उन्होंने संस्थान से 10 लाख लिए थे, जिसे अभी तक समायोजित नहीं किया था।
जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी के पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार को तत्कालीन प्राचार्य डा. एम.एल. देवल ने सितंबर 2015 में बिना पद की स्वीकृति के टीपीओ के पद पर नियुक्ति प्रदान की थी। इसे शासन ने 2008 में स्वीककृति दी थी। संदीप को 2016 में सबसे पहले संस्थान में कुलसचिव का प्रभार सौंपा गया था। दिसंबर में उन्हें हटाकर फिर दो सप्ताह बाद दोबारा कुलसचिव का प्रभार सौंपा गया था। 2017 में उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने के आरोप में तत्कालीन जिलाधिकारी सुशील कुमार ने नवंबर 2017 में उनसे कुलसचिव का कार्यभार छीन लिया था। फिर 2019 में उन्हें दोबारा कुलसचिव बना दिया गया था।
ग्रामीणों के अलावा संस्थान कर्मचारियों ने की थी शिकायत
संस्थान में भ्रष्टाचार के चलते क्षेत्रीय ग्रामीणों के अलावा संस्थान के कर्मचारी उनके खिलाफ लामबंद हो गये थे। एसएसपी यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि संदीप कुमार को पौड़ी पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी के आदेश पर संदीप कुमार को जिला कारागार खांड्यूसैण जेल भेज दिया गया है। https://sarthakpahal.com/
2021 में एसआईटी का गठन हुआ था
संस्थान के तत्कालीन कुलसचिव डा. संजीव नैथानी ने 30 सितम्बर 2021 को पूर्व कुलसचिव के खिलाफ संस्थान के दस्तावेज गायब किये जाने सहित कई आरोप लगाकर कोतवाली में तहरीर दी थी। इसके बाद शासन ने नवंबर 2021 में एसआईटी का गठन किया था। एसएसपी यशवंत सिंह चौहान की अध्यक्षता में गठित टीम में सीओ सदर पीएल टम्टा, एसएसआई महेश व तकनीकी विशेषज्ञ प्रो. आरपी गुप्ता को शामिल किया गया था। एसआईटी ने सबूत जुटाकर छह बार छापा मारा था।