
जिस देश में गाड़ी पर हिंदी पर नंबर लिखने पर चालान हो, 90 प्रतिशत लोग अंग्रेजी में हस्ताक्षर करते हों, जहां हिंदी के लिए दो दबाना पड़ता हो, उस देश के देशवासियों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
केएस रावत। हिंदी केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया की प्रमुख भाषाओं में सुमार है। हिंदी भारत और दुनिया के किसी भी अन्य देशों में बसे भारतीयों को एक-दूसरे के नजदीक लाने का काम करती है। अंग्रेजी और मंदारिन के बाद तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। फिर भी हिंदी की दुर्दशा से हर कोई परिचित है। https://sarthakpahal.com/
14 सितंबर ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी नाम फारसी भाषा से निकला है। हिंदी का अर्थ है सिंधु नदी की भूमि। भारत की सिंधु घाटी की सभ्यता काफी प्राचीन है। सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हिंदू और उनकी बोली जाने वाली भाषा को हिंदी कहा जाने लगा। वैसे तो 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, लेकिन भारत में इसे 14 सितंबर को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को हमारी संविधान सभा ने यह निर्णय लिया था कि हिंदी केंद्र सरकार आधिकारिक भाषा होगी, क्योंकि भारत के अधिकतर हिस्सों में हिंदी भाषा बोली जाती है। 1952 से हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों?
दरअसल, अंग्रेज तो चले गये, लेकिन न केवल अंग्रेजी छोड़ गये, बल्कि अपनी जीवनशैली की शहरी छाप भी हम पर थोप गये। इसी का परिणाम है कि अंग्रेजी भाषा की मानसिक गुलामी देश आज भी ढो रहा है। अपनी मातृभाषा की पूरी जानकारी और ज्ञान सभी को होना चाहिए। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम हिंदी के ज्ञाता हैं। लेकिन सच्चाई बिल्कुल इसके उलट है। हिंदी के विकास के बावजूद इसकी पूरी वर्णमाला, पूरी गिनती या फिर हिंदी महीनों के नाम बहुत कम लोगों को ही याद होंगे। यही कारण है कि आजादी के 75 साल बाद भी हिंदी को वो सम्मान नहीं मिला जिसकी वो हकदार थी।
हिंदी दिवस मनाने का क्या मतलब?
भारत में अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के उद्देश्य से हिंदी दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। भले ही हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है, फिर भी इसे भारत की राजभाषा दर्जा जरूर मिला है। इसीलिए सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी का प्रयोग होता है। मेरा यह मत बिल्कुल नहीं है कि अंग्रेजी का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक है, मगर मातृभाषा हिंदी को भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। दोनों भाषाओं को जानने से हर किसी का बौद्धिक और सामान्य ज्ञान का स्तर उच्च होता है। अवतार, बंगला, जंगल, खाकी, कर्म, लूट, मंत्र, शर्बत, पजामा, ठग, आंधी, निर्वाण, पंच, शैंपू और योग सहित कई अंग्रेजी शब्द हिंदी से ही लिेए गए हैं।
देश में 53 करोड़ की मातृभाषा हिंदी
देश में 43.63 प्रतिशत यानि 53 करोड़ लोगों की मातृभाषा हिंदी है। और पूरी दुनिया में 64.6 करोड़ हिंदीभाषा हैं। आधुनिक युग में जितना महत्व अंग्रेजी का है, हिंदी का भी होना चाहिए। जिस प्रकार माता-पिता अपने बच्चों को अंग्रेजी बोलने के लिए प्रेरित करते हैं, उसी प्रकार उन्हें शुद्ध हिंदी बोलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। भारत में 22 भाषाएं बोली जाती हैं। एक देश में इतनी भाषाओं और विविधता के बीच हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो हिंदुस्तान को जोड़ती है। देश के हर कोने में रहने वाले भारतीयों को हिंदी के महत्व के बारे में समझाने और इसके प्रचार प्रसार के लिए ही हिंदी दिवस मनाया जाता है।