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बड़ी खबर: 2016 के बाद विधानसभा में हुई भर्तियां रद्द, प्रेमचंद पर लटकी तलवार!

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देहरादून। विधानसभा भर्ती प्रकरण के संबंध में जांच रिपोर्ट समिति द्वारा देर रात विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को सौंप दी गयी थी। ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि जांच समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया, एसएस रावत एवं अवनेंद्र सिंह नयाल ने उन्हें रिपोर्ट सौंप दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने यह बातें आज एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए दी।

नियुक्तियों में अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन
विस अध्यक्ष ने कहा कि जांच समित ने माना कि जो भी तदर्थ नियुक्तियां हुईं थीं, वह नियम के खिलाफ थीं। उनके लिए ना तो कोई विज्ञापन निकाला गया, न ही रोजगार कार्यालय से कोई आवेदन मंगाए गये। जांच समिति ने माना कि इन भर्तियों से संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का उल्लंघन हुआ। मूल रिपोर्ट 29 पेज की है, जबकि सभी अटैचमेंट के साथ यह रिपोर्ट 2014 पेज की बनी है।

पिछले साल की 32 भर्तियां निरस्त
पिछले साल हुई 32 पदों की भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है। आरएमएस टेक्नो सोलुशन कंपनी को दिये गये 56 लाख के भुगतान पर सचिव की भूमिका संदिग्ध है। 2021 के ही उपनल से भर्ती 22 नियुक्तियां रद्द कर दी गयी हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने जो नियुक्तियां निरस्त की हैं, उनमें 228 तदर्थ हैं और 22 उपनल के माध्यम से। कुल मिलाकर 250 भर्तियां रद्द कर दी गयी हैं।

नियुक्तियां गलत हैं तो निरस्त होनी चाहिए : धामी
मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकारों से कहा कि विधानसभा में नियुक्तियों से संबंधित मामला उनके सामने आया है। उन्होंने पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जांच करने को कहा था। बकौल धामी, मैंने स्पीकर से कहा था कि जांच में यदि नियुक्तियां गलत हैं तो उन्हें निरस्त किया जाना चाहिए। https://sarthakpahal.com/

अब क्या होगा प्रेमचंद अग्रवाल का?
चौथी विधानसभा में अध्यक्ष की भूमिका निभाने वाले प्रेमचंद अग्रवाल वर्तमान में धामी कैबिनेट के सदस्य हैं। अग्रवाल के कार्यकाल के समय की गयी 78, जबकि पूर्ववर्ती गोविंद सिंह कुंजवाल के समय की 150 नियुक्तियों को रद्द किया गया है। जांच समिति के निर्णय के बाद अब सबकी निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वो प्रेमचंद अग्रवाल पर क्या निर्णय लेती हैं।

निकाले गये कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
विधानसभा में तमाम नियुक्तियां रद्द होने की जद में आए कर्मचारियों में उबाल फूट पड़ा है। तमाम कर्मचारी विधानसभा पहुंचे और अध्यक्ष के सामने विरोध प्रदर्शन किया। यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

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