उत्तराखंडक्राइमदेश-विदेशबड़ी खबरयूथ कार्नरराजनीतिसामाजिक

हमेशा विवादों में रहा अंकिता हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, कई केस दर्ज

Listen to this article

हरिद्वार। हमेशा विवादों से नाता रखने वाले पुलकित आर्य पर रसूख के चलते पुलिस कभी कार्रवाई नहीं कर पाई थी। यही वजह थी कि जब अंकिता भंडारी के केस में पुलकित का नाम आया तो पटवारी की हिम्मत भी जवाब दे गयी। बीजेपी का पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री का बेटा होने चलते पुलिस उसे गिरफ्तार करने से डर रही थी।

कालेज के समय से ही रहा विवादों में
अंकिता भंडारी का मुख्य आरोपी पुलकित का कालेज के समय से ही हमेशा विवादों से नाता रहा। 2016 में ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज में चर्चित मुन्ना भाई कांड सामने आने पर पुलकित को एडमिशन के फर्जीबाड़े में निष्कासित किया गया था। उसके खिलाफ शहर कोतवाली में धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में केस दर्ज था, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। हरिद्वार में लड़ाई-झगड़ों के कई मामलों में उसका नाम आया, लेकिन रसूख के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। उस समय पुलकित समेत 31 छात्रों को कालेज से बाहर कर दिया गया था।

दोबारा प्रवेश के लिए दो करोड़ और आडी का लालच
आयुर्वेद विवि के पूर्व रजिस्ट्रार मृत्युंजय मिश्रा ने एक पर्दाफश करते सनसनी फैला दी थी कि पुलकित आर्य को दोबारा प्रवेश दिलाने के लिए उसके पिता भाजपा नेता व पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री विनोद आर्य की ओर से दो करोड़ रुपये नकद और एक आडी कार देे का लालच दिया गया था। मना करने पर भाजपा नेता ने अपनी ताकत का एहसास कराने और दबाव बनाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और आरएसएस के बड़े नेताओं के साथ अपने फोटो भी व्हाट्सएप पर भेजे थे।

रसूख के कारण पटवारी की भी घिग्घी बंध गयी
अंकिता के गायब होने का मामला जब पटवारी के पास पहुंचा तो पुलकित के पिता विनोद आर्य दो दिन से पौड़ी में ही डेरा डाले हुए थे। इसी दबाव और रसूख के चलते पटवारी साहब कुछ कर नहीं पाये। पुत्र मोह के कारण विनोद आर्य ने कई दशकों में कमाया मान सम्मान सब कुछ दांव पर लगा दिया था। https://sarthakpahal.com/

फार्मेसी की आड़ में कब्जे का लगा आरोप
विनोद आर्य की स्वदेशी आयुर्वेद फार्मेसी ने पिछले 10 सालों में अच्छा नाम कमाया है। विनोद आर्य पिरान कलियर थाना क्षेत्र के गांव इमलीखेड़ा के निवासी हैं, इसी गांव में उनकी स्वदेशी आयुर्वेद फार्मेसी का कारखाना है। विनोद आर्य पर पूर्व में ग्रामीणों की जमीन दबाने का आरोप भी लगा था, लेकिन पुलिस से लेकर प्रशासन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कलियर विधानसभा से मांगा था टिकट
विनोद आर्य ने पिछले कई विधानसभा चुनावों में टिकट की दावेदारी पेश की थी। पिछली विधानसभा में विनोद ने कलियर और लक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन जनाधार कम होने केकारण हाईकमान ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button