ऋषिकेश। अंकिता हत्याकांड मामले में पटवारी वैभव प्रताप को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुरू से ही उनकी भूमिका संदिग्ध लग रही थी, इसीलिए उसे पहले इस केस में लापरवाही बरतने के कारण सस्पेंड कर दिया गया था।
अभी तक की जांच में यह बात सामने आई कि अंकिता के पिता जब सबसे पहले राजस्व पुलिस व्यवस्था के स्थानीय पटवारी और रेवेन्यू इंस्पेक्टर वैभव प्रताप सिंह के पास अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंचे तो उन्हें काफी इंतजार करवाया गया, क्योंकि उस समय पटवारी साहब के कमरे में मुख्य आरोपी पुलकित उसका पिता विनोद और पत्नी मौजूद थी। शिकायत करने पर उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गयी थी। उनसे सिर्फ सादे कागज पर प्रार्थना पत्र लिखवा लिया गया था। और उनसे कहा गया था कि गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलकित की तरफ से पहले ही दर्ज हो चुकी है। अंकिता की हत्या के अगले ही दिन पुलकित पटवारी वैभव प्रताप से मिला था।
सूत्रों के मुताबिक 18 सितम्बर को अंकिता, पुलकित, सौरभ और अंकित के साथ रिजार्ट से तकरीबन 8 बजे निकली थी। 8.30 बजे चीला बैराज से चारों ने बैराज के बैरियर को पार किया। 9 बजे बैराज से वापस लौटते हुए सिर्फ तीन लोग दिखाई दिए। 18 सितम्बर को अंकिता की लास्ट लोकेशन मौका-ए-वारदात पर ही मिली थी, उसके बाद उसका फोन स्विच आफ हो गया था।
छुट्टी पर चले गये थे पटवारी साहब
इस मामले में पटवारी वैभव ने बताया कि बीते 19 सितम्बर की रात को दो बजे पुलकित आर्य उनके पास अंकिता के गायब होने की खबर देने आया था। उन्होंने कहा था कि 24 घंटे बाद रिपोर्ट दर्ज करने को कहा था। इसके बाद पटवारी साहब अपने पिताजी के स्वास्थ्य का बहाना बनाकर तहसीलदार से छुट्टी लेकर चले गये। https://sarthakpahal.com/
चीला बैराज से मोबाइल बरामद
शुक्रवार को चीला नहर से एक मोबाइल मिला है। इसे जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा गया है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मोबाइल अंकिता का है या पुलकित का, क्योंकि पुलकित का मोबाइल भी गायब बताया जा रहा है। जांच के बाद ही पता चलेगा, कि यह मोबाइल किसका है। अगर यह घटना से जुड़े किसी व्यक्ति का होगा तो इससे बड़ा खुलासा हो सकता है।