देहरादून। भारत धार्मिक रीति-रिवाजों, परंपराओं का देश है। पूरे भारतवर्ष में हर समय कुछ न कुछ तीज त्योहार चलते रहते हैं। गरबा और डांडिया भी इन्हीं लोकपर्वों में से एक है। जहां गरबा मां दुर्गा की पूजा से पहले किया जाता है और ये हाथ से खेला जाता है, वहीं डांडिया दुर्गा मां के पूजन के बाद किया जाता है और ये छड़ी से खेला जाता है। इसे ‘तलवार नृत्य’ भी कहा जाता है। नृत्य की छड़ें मां दुर्गा की तलवार का प्रतिनिधित्व करती हैं।
नवरात्रि के दिनों में मां की आराधना के लिए पूजा पंडालों में गरबा और डांडिया की खूब धूम रहती है। ये पूजा केवल पंडालों में नहीं, बल्कि क्लब, रिजार्ट्स में भी गरबा और डांडिया के स्पेशल प्रोगाम आयोजित किये जाते हैं। इसी परंपरा को जीवंत रखते हुए देहरादून के द्रोणवाटिका कालोनी लेन नं 4 में एक डांडिया नृत्य का आयोजन किया गया, जिसमें कालोनी की तमाम महिलाओं ने डांडिया नृत्य में भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। जैसे कि मालूम है कि पिछले दो साल से कोविड काल की वजह से सारे धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगी थी।
द्रोणवाटिका के लेन नं. 4 में आयोजित इस सांस्कृतिक लोकनृत्य डांडिया में लक्ष्मी वर्मा (सोसाइटी संरक्षक), सपना गुप्ता, आशी रावत, रेणु नागर, दीप्ति अग्रवाल, राखी अग्रवाल, सुमन वर्मा, निधि आदि महिलाओं ने हिस्सा लिया। https://sarthakpahal.com/