
देहरादून। देहरादून गंगोत्री फिल्म के बैनर तले बनी गढ़वाली फिल्म ‘मेरू गौं’ बनकर तैयार है। यह फिल्म दो दिसम्बर को देहरादून के सिल्वर सिटी सिनेमाहाल में रिलोज होगी। फिल्म में एक गांव के परिसीमन, पलायन व अन्य ज्वलंत मुद्दों को दिखाया गया है।
फिल्म के माध्यम से जन जन तक पहुंचेंगी पहाड़ की समस्याएं
मंगलवार को देहरादून प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में फिल्म के लेखक-निर्देशक अनुज जोशी ने बताया कि यह फिल्म गढ़वाल के ज्वलंत मुद्दों, जैसे पलायन, राजधानी, परिसीमन और लोकभाषा पर आधारित है। फिल्म में मनोरंजन के साथ-साथ तथ्यात्मक जानकारी दी गयी है। फिल्म के माध्यम से पहाड़ की समस्याओं को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश की गयी है।
नरेंद्र सिंह नेगी ने दिया है संगीत
फिल्म के निर्माता राकेश गौड़ ने बताया कि फिल्म की शूटिंग गढ़वाल के कई गांवों में हुई है। फिल्म 35 दिन में बनकर तैयार हुई है। फिल्म मेरू गौं के गीत लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी व जितेंद्र पंवार ने गाये हैं, जबकि फिल्म में संगीत संजय कुमोला ने दिया है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी राजेश रतूड़ी और एडिटर मोहित कुमार हैं।
फिल्म में राकेश गौड़, मदन डुकलान, रमेश रावत, सुमन गौड़, गोकुल पंवर, अजय बिष्ट, गीता उनियाल, विकास उनियाल, रमेश ठंगरियाल, निशा भंडारी, गीता गुसाईं, साई नेगी, गिरधारी रावत, रुद्रांश उनियाल, डी. कपूर, रवि ममगाई, चंद्रवीर गायत्री, अमरदेव गोदियाल आदि मौजूद रहे।
एक गांव के इर्द-गिर्द घूमती है फिल्म की पूरी कहानी
फिल्म में उन सभी पात्रों को शामिल किया गया है, जो एक ग्रामीण, शिक्षक, प्रवासी, स्थानीय स्तर पर अलग-अलग पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। फिल्म में परिसीमन जैसे खास मुद्दे को उठाया गया है। यह मुद्दा इसलिए खास है, क्योंकि 2026 के बाद होने वाले परिसीमन से उत्तराखंड का पूरा भूगोल बदलने वाला है। फिल्म अच्छी कहानी, भावपूर्ण अभिनय, आकर्षक फिल्मांकन, नरेंद्र सिंह के कर्णप्रिय संगीत लोगों को पसंद आएंगे।