कोटद्वार। बीरोंखाल के सिमड़ी बैंड के पास हरिद्वार से बरात लेकर निकली बस गहरी खाई में गिरने से 25 लोगों की मौत का समाचार है। बस में 40-50 बराती सवार थे। बरात हरिद्वार से कांडा तल्ला गांव जा रही थी। बारात की बुधवार को वापसी होनी थी, लेकिन दुल्हन के घर पहुंचने से पहले ही हादसा हो गया। खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। दूल्हे और दुल्हन दोनों ही घरों में मातम छा गया है। बस हाादसे की खबर सुनकर हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अनुपमा रावत रात को ही घटनास्थल पर पहुंच गयीं थीं। हादसे की सूचना मिलते ही लैंसडाउन के विधायक दीपक रावत भी घटनास्थल पर पहुंच गये थे। घायलों को बीरोंखाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है। सूचना मिलते ही डीएम पौड़ी जोगदंडे, एसएसपी यशवंत चौहान मौके पर रवाना हो गये थे।
करीब 350 मीटर खाई में गिरी बस
ब्लाक प्रमुख राजेश कंडारी के अनुसार बस करीब 350 मीटर गहरी खाई में गिर गयी। उन्होंने बताया कि बस पत्थर पर अटकी हुई है। बस नयार नदी में गिरने से बच गयी। बीरोंखाल स्वास्थ्य केंद्र से पांच डाक्यरों की टीम मौके पर पहुंच गयी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
दुल्हन के घर के पास ही हुआ हादसाग्राम प्रधान दिनेश कर्णवाल के अनुसार लालढांग स्थित शिव मंदिर के निकट रहने वाले संदीप पुत्र स्व. नंदराम की बारात दोपहर 12-1 बजे पौड़ी गढ़वाल के कांडा मल्ला गांव के लिए निकली थी। दूल्हा संदीप कार में था। बताया जा रहा है कि बारात दुल्हन के घर पहुंचने ही वाली थी, कि हादसा हो गया। संदीप का विवाह कांडा तल्ला निवासी कबूदरी देवी की बेटी रचना से तय हुआ था।
बस का पट्टा टूटने से हुआ हादसा
बस में सवार एक बाराती पंकज ने बताया कि बस का पट्टा टूटने के कारण बस अनियंत्रित होकर खड्ड में गिर गयी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को जैसे ही सूचना मिली, वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और उन्हें घायलों को बस से बाहर निकालकर सड़क तक पहुंचाया। बस दोपहर मंगलवार दोपहर को लालढांग से कांडा मल्ला के रवाना हुई थी।
धुमाकोट थानाध्यक्ष दीपक तिवारी का कहना है कि बस की लाइट अचानक बंद होने पर घटनास्थल के पास गांव के लोगों ने ग्रामीणों को फोन कर सूचना दी। कोटद्वार के सीओ जीएल कोहली के नेतृत्व में पुलिस टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गयी थी।
एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी
सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर रेस्क्यू में जुटी हैं। हम सभी सुविधाएं घटनास्थल तक पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बचाव अभियान स्थानीय ग्रामीण भी मदद कर रहे हैं। अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है।