देहरादून। 24 सितम्बर से अंकिता हत्याकांड की एसआईटी जांच कर रही है। इस मामले में इलेक्ट्रानिक सबूत जैसे आडियो रिकार्डिंग, वीडियो और मोबाइल से बातचीत के स्क्रीन शाट्स जो वायरल हुए थे, एसआईटी ने जांच की पुष्टि के लिए केंद्रीय फोरेंसिक लैब भेज दिये हैं।
तीनों आरोपियों की 14 दिन की रिमांड बढ़ी
एसआईटी ने 20 से अधिक साक्ष्य को केंद्रीय फोरेंसिक लैब चंडीगढ़ भेजा है। इनमें आडियो, वीडियो, मोबाइल के स्क्रीन शाट और सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं, जबकि स्थानीय फोरेंसिक लैब में डीएनए और बिसरा की जांच हो रही है। इधर, तीनों आरोपियों को गुरुवार को न्यायिक अवधि पूरी होने के बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से न्यायालय ने तीनों की 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा और बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस महीने के अंत तक चार्जशीट दाखिल कर दी जायेगी।
एक और गवाह के दर्ज किए मजिस्ट्रेटी बयान
एडीजी ला एंड आर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि जांच तेजी से चल रही है। केंद्रीय फोरेंसिक लैब से अनुरोध किया गया है कि सभी इलेक्ट्रानिक सुबूतों की जांच कर जल्द उत्तराखंड पुलिस को उपलब्ध करा दी जाये। उनका कहना था कि इस मामले में गवाहों के बयान लगातार दर्ज किये जा रहे हैं। चार गवाहों के पहले मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराये गये थे, वहीं एक गवाब के मजिस्ट्रेटी बयान गुरुवार को भी दर्ज कराये गये। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
दो हफ्ते में जांच पूरी होने की संभावना
एसआईटी ने लगभग सभी साक्ष्यों को जुटा लिया है। गवाहों के बयान और सुबूत के आधार पर पुलिस को हत्याकांड का मकसद भी पता चल जायेगा, कि अंकिता की हत्या क्यों की गयी थी। एसआईटी का कहना है कि दो सप्ताह के भीतर यानि इसी महीने के अंत तक जांच पूरी कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल हो सकती है।