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तीन साल से लापता है बेटी ममता, इंसाफ के लिए डीजीपी से मिले परिजन

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देहरादून। तीन साल से लापता बेटी के इंसाफ के लिए टिहरी गढ़वाल के चौरास के रहने वाले राजाराम जोशी दरबदर भटक रहे हैं, लेकिन तमाम पुरजोर कोशिशों के बावजूद उनकी बेटी ममता का आज तक कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है।

पुलिस पर लगाया केस को रफा-दफा करने का आरोप
राजाराम जोशी का कहना है कि पुलिस ने मामले का सही तरीके से संज्ञान नहीं लिया। तमाम कोशिश करने के बाद आखिरकार गुरुवार को पीड़ित परिवार पुलिस मुख्यालय पहुंचा और डीजीपी अशोक कुमार से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई तथा सीबीसीआईडी जांच की मांग की। डीजीपी ने परिवार की मांग पर तुरंत एडीजी ला एंड आर्डर को मामले को रिव्यू करने को कहा तथा सीबीसीआईडी जांच के लिए संस्तति करने को शासन से पत्राचार करने का आश्वासन भी दिया। https://sarthakpahal.com/

2008 में हुई थी शादी
राजाराम जोशी का कहना है कि उनकी बेटी ममता की शादी 2008 में हुई थी। तीन साल पहले उनकी बेटी ममता श्रीनगर गढ़वाल के नर्सरी रोड स्थित गौरा सदन से लापता हुई है। उसकी गुमशुदगी 26 नवंबर 2019 को श्रीनगर कोतवाली में दर्ज करायी थी, लेकिन तमाम कोशिश करने के बाद भी आज तक ममता का कोई सुराग नहीं मिला।

आत्महत्या की आशंका, पुलिस ने की लीपापोती
ममता के भाई प्रदीप का कहना है कि प्राथमिक जांच में आत्महत्या की आशंका जताई गयी थी। प्रदीप का आरोप है कि ममता का ससुराल पक्ष बेटियां होने पर ममता को परेशान कर रहा था। साक्ष्य होने के बावजूद पुलिस ने ममता के ससुराल पक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। केवल गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज करके मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया है।

जिसका अंतिम संस्कार किया,वह किसी और का निकला
ममता के भाई प्रदीप का कहना है कि काफी समय बाद सर्च आपरेशन के दौरान एक महिला का शव बरामद हुआ था। उसका उन्होंने अंतिम संस्कार भी किया, लेकिन जब डीएनए रिपोर्ट आई तो पता चला कि वह शव ममता का था ही नहीं। वह इस मामले में मंत्रियों से लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन पुलिस ने इस मामले में सही तहकीकात नहीं की।

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