जहां मोहब्बत का हाथ छूटा था, उसी जगह ली मुलायम सिंह यादव ने अंतिम सांस

नोेएडा। जहां मोहब्बत का हाथ छूटा था, उसी जगह मुलायम सिंह यादव ने अंतिम सांस ली। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का मेदांता अस्पताल में काफी दिनों से इलाज चल रहा था। वैसे तो मुलायम सिंह यादव की तबीयत पिछले दो साल से खराब थी, लेकिन नौ जुलाई को दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के निधन के बाद वह अंदर ही अंदर टूट से गये थे। पत्नी की मौत के चार महीने बाद ही उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। इसी साल नौ जुलाई को इसी मेदांता अस्पताल में उनकी पत्नी साधा का निधन हुआ था। 22 अगस्त को उनको मेदांता में भर्ती कराया गया था, तभी से उनका यहीं पर इलाज चल रहा था।
आठ दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद आखिरकार आज सुबह आठ बजकर 15 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। साधना मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं। वह भाजपा नेत्री अपर्णा यादव की सास और प्रतीक यादव की मां थीं।
पहली पत्नी की मौत के बाद की थी दूसरी शादी
2003 में मुलायम सिंह ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार साधना को पत्नी के रूप में अपनाया। उसी साल उनकी पहली पत्नी मालती देवी का निधन हुआ था। साधना को पत्नी स्वीकार करने पर अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज भी हुए थे। साधना की शादी 4 जुलाई 1986 को फर्रुखाबाद के व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। एक साल बाद 7 जुलाई 1987 को बेटे प्रतीक का जन्म हुआ। प्रतीक के जन्म के करीब दो साल चंद्रप्रकाश और साधना का तलाक हो गया।
साधना ने पति चंद्रप्रकाश गुप्ता से अलग होने के बाद राजनीति में कदम रखा। वह सपा की कार्यकर्ता थीं। उनकी मुलाकात मुलायम से हुई और फिर धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। 1987 में पति से अलग होने के बाद साधना मुलायम की जिंदगी में आयी।दोनों की मुलाकात बढ़ती गयीं और धीरे-धीरे उनमें प्यार पनपने लगा।
साधना की मौत बर्दाश्त नहीं कर पाये मुलायम
वैसे तो मुलायम सिंह यादव काफी समय से बीमार चल रहे थे, लेकिन नौ जुलाई को दूसरी पत्नी साधना की मौत के बाद वह बिल्कुल अलग-थलग पड़ गये थे। यही कारण था कि वे तभी से ज्यादा बीमार रहने लगे। और तीन महीने बाद ही मुलायम सिंह यादव ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। https://sarthakpahal.com/