देहरादून। धामी की धमक इस समय उत्तराखंड में ब्यूरोक्रेसी के सिर चढ़कर बोल रही है। कब किसके गले में हड्डी फंस जाय, हर कोई ब्यूरोक्रेट सहमा सा हुआ है। वैसे भी जब से सीएम धामी बाबा केदार के दर पर कसम खाकर आए हैं, तब से उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और बड़ी कार्रवाई की है।
सेवा समाप्ति का आदेश जारी
राज्य कर आयुक्त डा. अहमद इकबाल की ओर से उनकी सेवा समाप्ति का आदेश उनको थमा दिया गया है। गौरतलब है कि मालवाहक वाहन (एचआर-39 सी 7088) हरियाणा के हिसार से देहरादून माल लेकर आ रहा था। आशोरोड़ी चेक पोस्ट पर कर अधिकारी अनिल कुमार ने वाहन की चेकिंग के दौरान वाहन चालक से साढ़े नौ हजार की रिश्वत की मांग की थी।
चालक ने सीएम पोर्टल पर दर्ज की शिकायत
चालक की शिकायत पर सामान के मालिक अनिल माटा (व्यापारी नेता) ने 16 फरवरी को सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर इस रिश्वतखोरी की शिकायत दर्ज की थी। प्रथम दृष्ट्या जांच में आरोप सही पाये जाने पर अधिकारी अनिल कुमार को 20 फरवरी 2020 को निलंबित कर हल्द्वानी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
निलंबन के बाद हरिद्वार संभाग के संयुक्त कर आयुक्त अजय कुमार को इस रिश्वतखोरी प्रकरण की जांच सौंपी गयी। जांच में अनिल कुमार दोषी पाये गये। यह उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन है। इस आधार पर जांच अधिकारी ने अनिल कुमार के खिलाफ सेवा समाप्ति की संस्तुति की रिपोर्ट शासन को सौंप दी। इसी संस्तुति के आधार पर शासन ने सोमवार को अधिकारी साहब को नौकरी से बाय-बाय कर दिया। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
वीडियो से हुई थी आरोपी अनिल कुमार की पहचान
सीएम पोर्टल पर व्यापारी नेता ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जबरन साढ़े नौ हजार वसूलने के बाद फिर खाते में बीस हजार रुपये डलवाने का दबाव बनाय जा रहा था। चालक को चेकपोस्ट पर तैनात रहे सभी अधिकारियों की तस्वीरें दिखाई गयीं। चालक ने अनिल कुमार को पहचानते हुए कहा कि इसी अधिकारी ने उनसे पैसे मांगे थे। प्रारंभिक जांच सही पाये जाने के तत्कालीन कर आयुक्त सौजन्या ने कर अधिकारी अनिल कुमार को निलंबित कर दिया था।