देहरादून। उत्तरकाशी हादसे का शिकार हुए 29 पर्वतारोहियों में से अभी तक 27 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि दो पर्वतारोहियों के शवों का परिवार गमगीन आंखों से इंतजार कर रहे हैं। उन्हें अभी भी अपने बेटे के जिंदा होने की आस लगी है। विनय पंवार द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे में लापता है, जिसका हादसे के आठ दिन बात भी अभी तक कोई पता नहीं चला है। मातली हैलीपेड पर जब भी कोई हेलीकाप्टर उतरता है, तो उनकी आस बढ़ जाती है, मगर फिर मायूसी ही हाथ लगती है।
नौसेना में सेवारत विनय छुट्टी पर आया था घर
विनय को याद पर उसकी मां बार-बार बेहोश होती जा रही है और पिता राजेंद्र पंवार अस्पताल से वापस आए हैं। उनका बेटा बीते 4 अक्टूबर को हिमस्खलन की चपेट में आए निम के प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के दल का हिस्सा था। हादसे में 25 प्रशिक्षु और 2 प्रशिक्षक सहित कुल 27 लोगों की मौत हो चुकी थी। अभी भी लापता दो लोगों में देहरादून प्रतीक नगर रायवाला निवासी विनय पंवार (27) भी है, जिसका हादसे के बाद अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। विनय कुमार नौसेना में कार्यरत था और उसे बचपन से ही पर्वतारोहण जैसे साहसिक खेलों का शोक था। वह दिवाली पर छुट्टी लेकर घर आया हुआ था। https://sarthakpahal.com/
पिता ने मना किया था कोर्स पर जाने के लिए
विनय के पिता जो कि वन विभाग में कार्यरत हैं और उनका फरवरी 2023 में ही रिटायरमेंट भी है। छुट्टी पर घर आए बेटे ने जब अचानक निम की तरफ से कोर्स पर जाने की बात कही तो पिता ने मना कर दिया था। मौसम खराब होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है।
फरवरी में होनी थी शादी
विनय पंवार की फरवरी में शादी होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां शुरू हो गयी थीं। हलवाई से लेकर टेंट तक की बुकिंग हो चुकी थी। घर में जगह कम होने के कारण नया मकान बन रहा था। लेकन भगवान को शायद यही मंजूर रहा होगा। एक हंसते-खेलते परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। विनय का बड़ा भाई दीपक पंवार तब से उत्तरकाशी में ही डेरा डाले हुए है।