
उत्तरकाशी। जब हाथ में दराती लेकर उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रुहेला खेत में निकल पड़े तो लोगों पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ। लोग येे देखकर चकित रह गये कि जिले का सबसे बड़ा अधिकारी उनके साथ फसल काट रहा है।
उत्तरकाशी के डुंडा ज्ञाणजा गांव में शुक्रवार को जिलाधिकारी स्थलीय निरीक्षण के निकले थे। जब वो एक गांव में पहुंचे तो उन्होंने दराती उठाई और कोदा (मंडुए) की फसल काटनी शुरू कर दी। उन्हें ऐसा करता देख लोग हैरान रह गये। जिलाधिकारी महोदय का कहना था कि जब आदमी जमीन से जुड़कर कोई काम करता है तो उसको काम की सही स्थिति का आभास होता है।
कोदा (मंडुवा) का समर्थन मूल्य सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में दो रुपये की वृद्धि की है। पिछले वर्ष मंडुवे का समर्थन मूल्य 25 रुपये तय था, जो कि इस बार 27 रुपये निर्धारित किया गया है। उत्तरकाशी जिले में 4831 हेक्टेयर क्षेत्र में मंडवे की खेती की जाती है। कमलेश भट्ट के खेत में 300 वर्गमीटर में 4 किलो 600 ग्राम और कलमदेई के खेत में 7 किलो 300 ग्राम मंडुवा प्राप्त हुआ।
अभिषेक रुहेला का कहना था कि करीब सात हजार किसान इससे जुड़े हैं। झंगोरा, चौलाई व सोयाबीन के समर्थन मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उनका कहना था कि उत्तरकाशी में पारंपरिक फसलों के उत्पादन में चार गुना वृद्धि हुई है।
2021-22 में मंडुवा का उत्पादन 3555.13 कुंतल, झंगोरा 99.51 कुंतल, चौलाई 192 कुंतल और सोयाबीन नौ कुंतल उत्पादन हुआ था। जो वर्ष 2020-21 की तुलना में चौगुना अधिक है। जिलाधिकारी रुहेला ने कहा कि सरकार पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने के हर तरह से प्रयासरत है। https://sarthakpahal.com/