देहरादून। शिक्षक भर्ती मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सरकार ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को पहले शिक्षक भर्ती में शामिल किया और बाद में इन्हें निकाल दिया। इसके खिलाफ शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मगर हाई कोर्ट ने भी 10 फरवरी के आदेश को रद्द कर दिया था।
एनआईओएस से डीएलएड कर चुके उम्मीदवारों को 2648 पदों पर चल रही शिक्षक भर्ती में शामिल करने के मामले में सरकार कोई निर्णय लेती, उससे पहले ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। वरिष्ठ अधिवक्ता उमाकांत उनियाल ने बीएड उम्मीदवारों की ओर से एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है। उनियाल ने कहा कि एनआईओएस से डीएलएड मामले में एनसीटीई की ओर से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गयी थी। इस मामले में केवल सर्कुलर जारी किया गया था।
सरकार कर रही है विचार
हाईकोर्ट के इस फैसले पर अमल किया जाये या फिर इसके खिलाफ सरकार सुप्रीमसरोर्ट जाये, सरकार इस पर विचार कर रही है। इस प्रकरण में विधि विभाग से राय ली जा रही है, लेकिन इससे पहले कि सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम उठाती, मंगलवार को बीएड टीईटी अभ्यर्थी हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये।
क्या है मामला
प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने 2020-21 में 2648 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए बीएड अभ्यर्थियों के साथ ही एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था। सरकार ने पहले तो एनआईओएस अभ्यर्थियों को इसमें शामिल किया था, लेकिन बाद में इन्हें बाहर कर दिया गया। अभ्यर्थी इसके खिलाफ हाईकोर्ट गये, लेकिन हाईकोर्ट ने 10 फरवरी के आदेश को रद्द कर दिया था। https://sarthakpahal.com/