
चमोली। चीन सीमा पर देश के अंतिम गांव माणा में प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर भोटिया जनजाति के लोग काफी उत्साहित थे। माणा गांव के लोग केवल छह महीने अपने गांव में रहते हैं।
मोदी का भाषण शुरू होते ही पूरा पंडाल मोदी मोदी के नारों से गुंजायमान हो गया। मोदी सीमांत गांव माणा में कनेक्टिविटी परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद एक गांव में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। देश के प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर भोटिया लोग गदगद हो गये। मोदी ने भी जनसभा शुरू होने और समाप्त होने पर जनता का झुककर अभिवादन स्वीकार किया। मोदी का भाषण सुनने के लिए बदरीनाथ भगवान के दर्शन करने आए तीर्थयात्री भी पहुंचे थे।
केवल छह माह गांव में रहते हैं माणावासी
सीमांत गांव माणा को पर्यटक का दर्जा प्राप्त है। माणा गांव के गांव के लोग केवल छह महीने ही अपने गांव में रहते हैं। यहां वे ऊनी वस्त्रों और नगदी फसलों का व्यापार करते हैं। यह गांव चीन सीमा से मात्र 56 किमी दूरी पर स्थित है। यहां गजब की बर्फ पड़ती है। शीतकाल में यहां लोग रह नहीं सकते। इसलिए ये लोग शीतकाल में गोपेश्वर व आसपास के क्षेत्रों में रहते हैं। गांव के प्रधान मोलफा ने कहा कि मोदी ने माणा गांव पहुंचकर गांववालों को जो सम्मान दिया है, वह किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
मोदी की एक झलक पाने को बेताब रहे माणावासी
ग्रामीण मोदी की एक झलक पाने को बेताब रहे। मलारी गांव की बसंती देवी और लाता की रूपा देवी ने कहा कि वे शुबह तड़के ही अपने घरों से माणा गांव के लिए निकल गये थे। पीएम मोदी को देखने की इच्छा थी, जो आज पूरी हो गयी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दिल में सीमांत गांवों की तस्वीर जिंदा है, वे सीमांत क्षेत्र के लोगों का दर्द समझते हैं। प्रधानमंत्री के साथमंच पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह भी उपस्थित थे। धामी ने मोदी को भगवान बदरी का प्रसाद और अंगवस्त्र भेंट किया।