उत्तरकाशी। अन्नकूट के पावन पर्व पर बुधवार को दोपहर 12.01 बजे विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट जयकारों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। मां गंगा की भोगमूर्ति सेना के बैंड और पारंपरिक ढोल-दमाऊ की अगुवाई में मुखीमठ (मुखबा) के लिए रवाना हो गयी। इस पावन अवसर के साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु और भक्तजन गंगोत्री धाम पहुंचे थे।
आज सुबह से ही बंदी की तैयारियां शुरू कर दी गयी थीं। कपाट बंदी से पहले विशेष पूजा अर्चना के साथ गंगा सहस्त्रनाम पाठ किया गया। मंदिर समिति के पदाधिकारी व तीर्थ पुरोहित हरीश सेमवार, सुरेश सेमवाल, महेश सेमवाल, मुकेश सेमवाल, संजीव सेमवाल, पवन सेमवाल ने मां गंगा की भोग मूर्ति का श्रृंगार किया। इस बार गंगोत्री धाम में 6,24,451 तीर्थयात्री पहुंचे, जबकि यमुनोत्री में 4,85,635 तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे थे।
कल बंद होंगे केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट
वहीं मां यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्टूबर को 12.09 बजे बंद होंगे। यमुना की डोली लेने के लिए कल गुरुवार को खरशाली गांव से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंचेगी। शीतकाल में यमुना के दर्शन खरशाली स्थित यमुना मंदिर में ही होंगे। उधर, द्वादस ज्योतिर्लिंगों में शामिल भगवान केदारनाथ के कपाट भी कल सुबह साढ़े आठ बजे वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक परंपराओं के साथ विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिये जायेंगे।
शीतकाल के लिए चाक चौबंद रहेगी सुरक्षा व्यवस्था
इस बार पुलिस शीतकाल के दौरान धामों में रहने वालों की पूरी जानकारी अपने पास रखेगी। इस दौरान कम से कम 28 से अधिक पुलिसकर्मी शीतकालीन धामों में तैनात रहेंगे। पुलिसकर्मियों के अलावा राशन, मेडिकल किट आदि की भी व्यवस्था की गयी है। सीओ अनुज कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिसकर्मियों को दिशा-निर्देश जारी किये। https://sarthakpahal.com/