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केदारनाथ धाम में इस बार घोड़े-खच्चरों की रही मौज बहार, 1 अरब का हुआ कारोबार

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में इस बार घोड़े-खच्चरों की खूब मौज बहार रही। केदारनाथ धाम में अब यात्रा को छह महीने के लिए विराम लग गया है। केदारनाथ यात्रा में इस बार कई नई रिकार्ड बने। अभी तक 15.55 लाख तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। इस यात्रा में इस बार अकेले घोड़े खच्चर वालों ने इस बार 1 अरब से ज्यादा का कारोबार किया। वहीं, हेली कंपनियों ने 75 करोड़ तो डंडी कंडी से भी 86 लाख की कमाई हुई है।

17 किमी पैदल चलना होता है बाबा के दर्शन पाने को
इस साल 6 मई को बाबा केदारनाथ धाम तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खोले गये थे। पहले ही दिन 20 हजार से अधिक तीर्थयात्री बाबा के दर्शन को पहुंचे थे। शीतकाल के लिए बाबा के कपाट बंद होेने से पहले बाबा के दरबार में 15,55,543 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके थे। बाबा केदार के दर्शन के लिए 17 किमी की पैदल दूरी भी तय करनी होती है। प्रशासन ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए 4302 घोड़े तथा 8644 खच्चर पंजीकृत किये थे। इन घोड़े खच्चरों से 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने बाबा के दर्शन किये।

डंडी-कंडी की 86 लाख की हुई कमाई
जिला पंचायत यात्रियों की सुविधा के लिए केदारनाथ आने-जाने के लिए डंडी-कंडी भी उपलब्ध करवाता है। 39,664 यात्रियों ने इस बार डंडी-कंडी में बैठकर बाबा केदारनाथ धाम की यात्रा की। इससे कुल 86 लाख 76 हजार 300 रुपये की कमाई की गयी।

75 करोड़ रहा हेली कंपनियों का कारोबार
इस बार 9 हेलीकाप्टर कंपनियां केदारनाथ यात्रा में सेवाएं दी रही थीं। इस बार डेढ़ लाख यात्री हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे, जबकि वापसी में 1.49 लाख तीर्थयात्री आए। प्रति यात्री औसतन 5 हजार रुपये किराये के हिसाब से करीब 75 करोड़ 40 लाख का कारोबार हेलीकाप्टर कंपनियों ने किया।

केदारनाथ के गर्भगृह की दीवारों पर चढ़ी सोनी की परत
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को सोने की परत से रंग दिया गया है। कपाट बंद होने के ठीक एक दिन बाद यह काम पूरा हो गया। इस काम में 19 कारीगर लगाये गये थे। गर्भ गृह की चारों दीवारों और भगवान के स्वयं लिंग की जलेरी में सोने की करीब 560 प्लेटें लगाई गयीं हैं। https://sarthakpahal.com/

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