देहरादून। पौड़ी गढ़वाल के दोनों मुखिया डीएम और एसएसपी की कुर्सी अंकिता हत्याकांड और बीरोंखाल बस हादसे के कारण हिल गयी। इसे प्रशासनिक लापरवाही से जोड़कर देखा जा रहा है। इन दोनों मामलों में प्रदेश के मुखिया धामी काफी नाराज थे। तभी से डीएम और पुलिस कप्तान को हटाने की चर्चाएं काफी गरम थीं, ये तय माना जा रहा था कि दोनों अब गये, तब गये।
आशीष चौहान नए डीएम और श्वेता चौबे होंगी एसएसपी
सरकार ने पौड़ी के डीएम विजय कुमार जोगदंडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान को हटाकर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया हैं। नये जिलाधिकारी आशीष चौहान बनाए गये हैं, जो कि इस समय पिथौरागढ़ के डीएम थे। वहीं, श्वेता चौबे को जिले के पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। श्वेता चौबे को अंकिता हत्याकांड को सुलझाने का इनाम दिया गया है। अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल ने शुक्रवार को तबादला आदेश जारी किये।
अंकिता हत्याकांड और बस हादसे की वजह से गाज गिरनी तय थी
सितम्बर महीने में अंकिता भंडारी के साथ जो अमानवीय व्यवहार कर उसकी हत्या कर दी गयी थी। उसके बाद फैला जनाक्रोश जो अभी भी थमा नहीं है उसे लेकर डीएम और एसएसपी दोनों सरकार के निशाने पर थे। जिलाधिकारी की कुर्सी हिलने के पीछे बस हादसे में प्रशासनिक राहत में देरी को भी माना जा रहा है। मृतक आश्रितों और घायलों को तत्काल राहत राशि देने की बात सीएम धामी ने कही थी, लेकिन 21 दिन बाद सहायता राशि प्रभावितों तक पहुंची। यही दो कारण थे दोनों मुखिया की कुर्सी हिलने के।
रिजार्ट पर बुलडोजर चलाने में डीएम के बयान से मचा था बवाल
आरोपी के रिजार्ट पर बुलडोजर चलाने को लेकर पौड़ी के जिलाधिकारी की प्रतिक्रिया से सरकार काफी असहजन दिखी। कांग्रेस ने खुलकर आरोप लगाती रही कि वनंतरा से साक्ष्य मिटाने के लिए सरकार ने बुलडोजर की कार्रवाई की है। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि यदि जिला प्रशासन ने बुलडोजर नहीं चलाया तो फिर किसके आदेश पर यह सब हुआ। https://sarthakpahal.com/
इसी तरह पौड़ी के एसएसपी यशवंत सिंह पर आरोप लगे कि वह अंकिता हत्याकांड को ठीक से संभाल नहीं सके। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चमोली की एसपी श्वेता चौबे को मौके पर बुलाना पड़ा था और उन्होंने स्थिति को काफी हद तक कंट्रोल किया। इसीलिए उन्हें पौड़ी जिले का पुलिस कप्तान बनाकर इनाम दिया गया और यशवंत चौहान को बाध्य प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया।