हरिद्वार। हरिद्वार तहसील में मकान के दाखिल खारिज करने के नाम पर 2800 रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार मारवाह को गिरफ्तार कर लिया। तीन घंटे तक बंद कमरे में उससे पूछताछ की गयी। उनके ज्वालापुर स्थित आवास पर भी छापा मारकर दस्तावेज खंगाले गये। विजलेंस टीम कल आरोपी को लेकर देहरादून रवाना हो गयी थी। कई घंटों की पूछताछ के बाद उसी कमरे में बैठे दो अन्य रजिस्ट्रार कानूनगो को छोड़ दिया गया।
विजिलेंस से मिली जानकारी के अनुसार 18 अक्टूबर को हरिद्वार निवासी संजय ने अपनी पत्नी के नाम जमीन खरीदी थी, जिसकी दाखिल खारिज कराने के लिए उसने तहसील में आवेदन किया था। इसी जमीन का दाखिल खारिज करने के कानूनगो साहब रिश्वत की मांग कर रहे थे। शिकायत के बाद विजिलेंस के अधिकारियों ने जांच की तो मामला सही पाया गया।
शनिवार को एसपी विजिलेंस रेणू लोहानी के निर्देश पर सीओ सुरेंद्र सिंह सामंत की अगुवाई में टीम ने रजिस्ट्रार कानूनगो के कार्यालय में छापा मारा, जहां उन्हें 2800 रुपये की रिश्वत लेते रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार मारवाह तहसील फेरूपुर पुत्र बलदेव राज निवासी निवासी अंबेडकरनगर ज्वालापुर, हरिद्वार को रंगे हाथ पकड़ लिया। उनके खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित 2018) का अभियोग पंजीकृत किया गया है। विजिलेंस की छापेमारी से तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया। विजिलेंस को उसी कक्ष में बैठने वाले दो अन्य कानूनगो पर भी संदेह था, लेकिन कई घंटों की गहन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। https://sarthakpahal.com/
पहले भी पकड़े जाते रहे हैं
तहसील में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी लेखपाल, कानूनगो को विजिलेंस की टीम रिश्वत में गिरफ्तार कर चुकी है। अभी कुछ माह पहले जगजीतपुर से ऊर्जा निगम के एसडीओ को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था, जबकि रुड़की और हरिद्वार तहसील में भी रिश्वत लेने के मामले में विजिलेंस की टीम गिरफ्तारी कर चुकी है।