
देहरादून। किरन नेगी गैंगरेप और हत्याकांड के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तराखंड में जनाक्रोश फैलता जा रहा है। खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी भी स्वीकार कर चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला स्तब्धकारी है। सीएम धामी का कहना है कि इस संबंध में पीड़ित परिवार की पूरी मदद की जायेगी। क्या बोला सुप्रीम कोर्ट:-
कोर्ट सबूतों पर फैसला लेती है, भावनाओं पर नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को बरी करने में पुलिस की घोर लापरवाही को अपने फैसले को आधार बनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अदालतें सबूतों पर चलकर फैसले लेती हैं, न कि भावनाओं में बहकर। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों को अपनी बात कहने का पूरा मौका नहीं मिला।
मूल रूप से पौड़ी की रहने वाली किरन नेगी का परिवार दिल्ली के द्वारका में रहता था। यहीं से उनकी बेटी ग्रेजएशन कर रही थी। पढ़ाई के साथ-साथ वह पार्टटाइम भी जाब भी करती थी। 2012 में आफिस से लौटते समय तीन दरिंदे उसका अपहरण कर हरियाणा ले जाते हैं और वहां उसके साथ दरिंदगी के बाद उसे रेवाड़ी जिले के किसी जंगल में मार देते हैं। इस घटना पर हाईकोर्ट के अलावा निचली अदालतों ने भी मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया।
पार्टी संगठन व सरकार पीड़ित परिवार के साथ
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना था कि उत्तराखंड की बेटी के साथ दिल्ली में हुई दरिंदगी व हत्या प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आहत करने वाला है। इस फैसले से उत्तराखंड के सभी लोग स्तब्ध हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी संगठन व सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है और इस प्रकरण में प्रदेश सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय के संपर्क में है। उन्होंने उम्मीद जताई की शीघ्र ही गृह मंत्रालय व सुप्रीम कोर्ट की लीगल टीम इस मामले की गंभीरता के मद्देनजर उचित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करेगी।
यह फैसला अविश्वसनीय लगता है : हरीश रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद दुखद है। जिन जिम्मेदार अभियुक्तों को निचली अदालतों ने फांसी की सजा सुनाई थी उन्हीं को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। उनका कहना था कि यह तो निर्भया हत्याकांड से भी ज्यादा वीभत्स था। उनका कहना था कि मेडिकल रिपोर्ट, सारे साक्ष्य के आधार पर जिन्हें फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था, वो बरी हो गये। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह का कहना था कि हम सभी सर्वोच्च न्यायालय का पूर्ण सम्मान करते हैं, लेकिन इस मामले में फिर से पुनर्विचार याचिका लगानी होगी। https://sarthakpahal.com/
इस मामले में उच्चतम न्यायालय में केस देख रही वकील चारू खन्ना और केंद्रीय गृह मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की है। किरण नेगी हमारे प्रदेश की देश की बेटी है। उसको न्याय दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड