भिलाई। छत्तीसगढ़ की इस्पात नगरी भिलाई में दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे को धरती और आसमान के बीच बरमाला पहनाई। इसके लिए दोनों बड़े एयर बैलून में सवार हुए। भिलाई में जब यह बैलून दूल्हा-दुल्हन को लेकर हवा में उड़ा तो आसपास के लोग इस अनोखे शादी के अंदाज को देखने के अपने-अपने घरों की छतों पर पहुंच गये।
लड़की के पिता अवेधश पांडेय ने कहा कि वो अपनी बेटी की शादी कुछ अलग अंदाज में करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने ऐसा प्लान बनाया था। इसके लिए उन्होंने राजस्थान से एयर बैलून मंगवाये। ये बैलून काफी बड़े थे, इसलिए इनके लिए विशाल मैदान की जरूरत थी। इसलिए इसके लिए सेक्टर-7 दशहरा मैदान में शादी का आयोजन किया गया। देर रात एयर बैलून दूल्हा-दुल्हन को लेकर आसमान में उड़ा और फिर 70 फीट की ऊंचाई पर दुल्हन प्रीति और दूल्हा रवि ने एक-दूसरे को वरमाना पहनाई।
एयर बैलून उड़ाने वाले एक्सपर्ट रोहिताश का कहना था कि वो अपने साथी के साथ राजस्थान के बीकानेर से छत्तीसगढ़ के भिलाई में पहली बार एयर बैलून लेकर आएहैं। उन्होंने कहा कि पायलट की देखरेख में बैलून उड़ता है। इसे रस्सी से बांधकर कंट्रोल किया जाता है। उन्होंन कहा कि इसमें एक बाल्टी होती है, जिसमें गैस सिलेंडर रखा होता है। गैस में आग जलाकर बैलून में गर्म हवा भरी जाती है। इसी बकेट में दूल्हा-दुल्हन और पायलट सवार हुए।
जैसे ही दूल्हा-दुल्हन को लेकर एयर बैलून हवा में उड़ा तो देखने के लिए आसपास के लोग अपनी छतों पर पहुंच गये। दूल्हा-दुल्हन अपने-अपने हाथों में वरमाला लेकर बैलून में सवार थे। शादी में आए मेहमान नीचे खड़े होकर इस अनोखे नजारे को देख रहे थे। हवा में दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद बैलून को वापस नीचे खींच लिया गया। दुल्हन के पिता अवधेश कुमार पांडे ने कहा कि बिटिया को हम परी मानते हैं। यही सोचकर परी के विवाह में वरमाला कार्यक्रम धरती और आसमान के बीच में किया गया। दूल्हा का कहना था कि हार्ट बैलून में वरमाला डालना अच्छा अहसास है, कुछ नया है।
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