रानीखेत। रानीखेत के दैना गांव के 65 साल के मोहन राम मंगलवार को गाय चराने जंगल गये थे, तभी झाड़ियों में घात लगाते बैठे गुलदार ने उन पर हमला बोल दिया और उन्हें घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया। 18 घंटे बाद बुधवार को बुजुर्ग का क्षत-विक्षत शव जंगल में मिला।
पहाड़ों पर बढ़ रहे गुलदार के हमले से पहाड़ पर रहने वाले लोग घबराए हुए हैं। अभी दो दिन पहले ही द्वाराहाट में मां-बेटे समेत तीन लोगों को गुलदार ने जख्मी कर दिया था। इसी ब्लाक के दैना गांव में गुलदार ने बुजुर्ग को मार डाला। शरीर का आधा हिस्सा गुलदार खा चुका था। कालीगाढ़ पट्टी की कुंवाली घाटी स्थित दैना गांव के 65 साल के मोहन राम पुत्र स्व. प्रेमराम घर से करीब 100 मीटर दूर गाय को घर लाने के लिए निकले थे। तभी गुलदार उनपर झपटते हुए घसीट ले गया।
गांव से एक किमी दूर मिला क्षत-विक्षत शव
बुधवार सुबह आठ बजे दोबारा खोजबीन शुरू की गयी। जिस खेत में वे गाय चुगाने छोड़ने जाते थे, वहां खून ही खून बिखरा पड़ा था। कुछ आगे खून से सने कपड़े मिले और गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर गधेरे में मोहन राम का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। शरीर का आधा हिस्सा गायब था।
ग्रामीणों ने नहीं उठने दिया शव
गम व गुस्से के बीच ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन को सूचना दी। संयुक्त मजिस्ट्रेट जय किशन, तहसीलदार मनीषा मारकाना व नायब तहसीलदार हेमंत मेहरा ने मुआयना किया। इस बीच डीएफओ महातिम सिंह यादव के पहुंचने पर ग्रामीण शव न उठाने पर अड़ गये। उन्होंने मौके पर ही परिजनों को 50 हजार की राशि भेंट की तथा घटनास्थल पर वन कर्मियों से पिंजरा लगवाया तो ग्रामीण शांत हुए।
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