कोटद्वार। वनंतरा रिजार्ट में आरोपियों के नार्को टेस्ट करवाने की अनुमति के लिए पुलिस ने अदालत में याचिका दायर की है। घटना से जुड़े कई रहस्यों से अभी पर्दा उठना बाकी है। इसके लिए पुलिस आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांग रही है। हालांकि नार्को टेस्ट की रिपोर्ट साक्ष्य के तौर पर न्यायालय में मान्य नहीं होती, लेकिन फिर भी इससे पुलिस को मदद मिल सकती है। जैसे यदि किसी अपराधी ने कोई चीज छुपाई हो तो वो नार्को टेस्ट में उसकी जानकारी दे सकता है।
22 दिसम्बर को अंकिता हत्याकांड को तीन महीने पूरे होने वाले हैं। मामले की जांच कर रही एसआईटी को इससे पहले न्यायालय में चार्जशीट दाखिल अनिवार्य है। एसआईटी ने मंगलवार को कोटद्वार में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की अदालत में आरोपियों के नार्को टेस्ट के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। मामले की जांच कर रहे सीआईयू प्रभारी राजेंद्र सिंह खोलिया की ओर से यह प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है।
क्या राज खुल सकते हैं नार्को टेस्ट से?
नार्को टेस्ट के दौरान आरोपी वीआईपी का नाम बता सकते हैं। अंकिता के साथ कुछ गलत किया या नहीं, इस बात की भी जानकारी मिल सकती है। इस हत्याकांड में किसी और ने तो उनकी मदद नहीं की, इस बात की भी पुष्टि आरोपी कर सकते हैं। मोबाइल को कहां फेंका या फिर कहां छुपाया, इन सवालों के जवाब भी आरोपियों से मिल सकता है।
उक्रांद ने फूंका कैबिनेट मंत्री का पुतला
हत्याकांड मामले में भाजपा के कैबिनेट मंत्री की ओर से विवादित यान देने पर उक्रांद ने डोईवाला चौक पर प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला फूंका। इस दौरान उक्रांद के मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवार ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल न तो घटना क्षेत्र के विधायक हैं, न गृहमंत्री और न ही एसआईटी ने अभी अपनी जांच पूरी की है। उन्होंने कहा कि काबीना मंत्री का ऐसा विवादित बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है। पुतला फूंकने वालों में मोहन असवाल, सुरेंद्र सिंह चौहान, अवरात सिंह बिष्ट, प्रमोद डोभाल, जुयाल, विशाल, लकी, विनोद कोठियाल, भावना मैठाणी आदि शामिल थे। https://sarthakpahal.com/