देहरादून। उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमले पर मृत्यु होने पर अब मुआवजा राशि को छह लाख कर दिया गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य वन्य जीव बोर्ड की सचिवालय में हुई बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग गयी। इसके अलावा चौरासी कुटी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी बोर्ड की तरफ से हरी झंडी दे दी गयी है।
अभी तक चार लाख रुपये का था प्राविधान
अभी तक वन्य जीव हमलों से मृत्यु होने पर चार लाख रुपये का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर अब छह लाख कर दिया गया है। वहीं घायलों को पहले पचास हजार रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर अब एक लाख कर दिया गया है। इसके अलावा जौलीग्रांट देहरादून के विस्तारीकरण, कार्बेट रिजर्व में जिम कार्बेट ट्रेल, चौरासी कुटी को अंतराराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के अलावा कई प्रस्तावों पर बैठक में निर्णय लिए गये।
गढ़वाल सांसद तीरथ ने रखा था राशि बढ़ाने का प्रस्ताव
गढ़वाल के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संसद के शीतकालीन सत्र में वन्य जीवों के हमले में दी जाने वाली मुआवजा राशि बढ़ाने संबंधी निजी विधेयक प्रस्तुत किया था। उनका कहना था कि उत्तराखंड समेत देश के विभन्न राज्यों में वन्य जीवों के हमले चिंतनीय विषय है। इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने समेत मुआवजा राशि में बढ़ोत्तरी किया जाना समय की मांग है। https://sarthakpahal.com/
15 दिन के अंदर मिल जाए मुआवजा राशि
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानव वन्य जीव संघर्ष कम करने के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। इसके लिए वन विभाग एवं प्रशासन के बीच सामंजस्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के हमलों की सूचना प्राप्त होते ही संबंधित व्यक्तियों तक अनुग्रह राशि 15 दिन के पहुंच जाए, इसके लिए वन विभाग को स्वत: संज्ञान लेने की जरूरत है।
बैठक में मुख्य सचिव डा. एसएस संधु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, अनिल नौटियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखंड डा. समीर सिन्हा आदि मौजूद रहे।