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ऊर्जा निगम बोर्ड भी उपभोक्ताओं पर लगाने वाला है बिजली का करंट

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देहरादून। ऊर्जा निगम बोर्ड में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में बिजली दरों में 7.72 फीसदी वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। इसमें घरेलू बिजली दरों में पांच प्रतिशत और औद्योगिक बिजली दरों में सात से लेकर आठ प्रतिशत तक वृद्धि की सिफारिश की गयी है। ये वृद्धि घरेलू श्रेणी में 5.14, कामर्शियल में 6.8 और उद्योगों में 8 फीसदी तक हो सकती है।

25 पैसे से लेकर 40 पैसे प्रति यूनिट तक की हो सकती है वृद्धि
यूपीसीएल ने बिजली दरों में वृद्धि का तर्क दिया कि निगम ने पिछले साल लोन लेकर 123 करोड़ की योजनाओं पर काम किया। इसके अलावा खपत के लिए दूसरे राज्यों से भी बिजली का आयात किया, इसके बदले बिजली दरों में वृद्धि होनी चाहिए। बैठक में चर्चा के बाद बिजली दरों में 7.72 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया गया। प्रदेश में गैस पावर प्लांट नहीं चल रहे हैं। इस कारण दूसरे राज्यों से भी महंगी बिजली खरीदनी पड़ ही है। इसके चलते बोर्ड की देनदारी बढ़ गयी है। इस वजह से घरेलू उपभोक्ताओं को 25 पैसे, कामर्शियल को 35 पैसे और उद्योगों को 40 पैसे प्रति यूनिट तक विद्युत बढ़ोत्तरी का बोझ उठाना पड़ सकता है।

बढ़ोत्तरी का फैसला नियामक आयोग के पास
बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित करने के बाद यूपीसीएल 15 दिसम्बर तक विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों बढ़ाने के लिए याचिका दायर करेगा। आयोग यूपीसीएल की प्रस्तावित दरों पर सुनवाई के बाद ही फैसला लेगा। यदि आयोग ऊर्जा निगम बोर्ड के प्रस्ताव को पास करता है तो बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल 2023 से लागू हो जायेंगी। https://sarthakpahal.com/

बिजली की दरों में 7.72 फीसदी की वृद्धि का फैसला पुराने स्वीकृत प्रोजेक्टों की देनदारी के लिए लिया गया। यदि रेगुलेटरी कमीशन की तरफ से पहले निगम को ये मिल चुका होता तो बिजली दरों में एक रुपया भी नहीं बढ़ाते। निगम के दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव से टेरिफ में कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक, यूपीसीएल

 

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