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विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट का जोर का झटका, याचिका खारिज

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देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा में संविदा से हटाये गये 228 कर्मचारियों की विशेष याचिका खारिज कर दी है। बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी थी। इससे हटाये गये कर्मियों को तगड़ा झटका लगा है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी और सीएम धामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

देहरादून विधानसभा में बैकडोर भर्ती मामले में हटाये गये कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट ने ठेंगा दिखा दिया है। नैनीताल हाईकोर्ट की डबल बेंच पहले ही उनकी याचिका खारिज कर चुकी थी। नैनीताल हाईकोर्ट से मायूसी के बाद फैसले को चुनौती देने के लिए कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट की राह पकड़ी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी इन 228 बर्खास्त कर्मचारियों को राहत नहीं मिली। अदालत ने उनकी विशेष याचिका को खारिज कर रही सही उम्मीदों को भी खत्म कर दिया।

क्या है पूरा मामला
विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों पर उठे बवाल के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने 3 सितम्बर 2022 को डीके कोटिया की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन कर जांच करने को कहा था, जिन्होंने 20 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति की रिपोर्ट पर ऋतु खंडूड़ी ने 23 सितम्बर को तत्काल प्रभाव से 2016 से 2021 तक की गयीं कुल 228 नियुक्तियों को रद्द कर कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने कर्मियों को राहत दी थी, लेकिन डबल बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी विधानसभा अध्यक्ष फैसले पर मुहर लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रशंसनीय है। यह न्याय और उत्तराखंड के लाखों युवाओं की जीत है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रदेशके सभी युवाओं का सरकार और न्यायालय पर भरोसा और गहरा होगा। मैंने पहले भी यह बात कही थी कि यह कठोर निर्णय है, लेकिन मैं इस कठोर निर्णय से पीछे नहीं हटूंगी। भर्तियों की जांच पर कोटिया कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, वह सही थी। विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर मैंने जो निर्णय लिया था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।
ऋतु खंडूड़ी, विधानसभा अध्यक्ष

सुप्रीम कोर्ट का फैसला अनुकरणीय है। जैसे ही विधानसभा में अनियमितता सामने आई थी, हमने विधानसभा अध्यक्ष से इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। विधानसभा अध्यक्ष ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए 228 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार की कार्रवाई को सही ठहराया है। हम प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं को आश्वसत करना चाहते हैं कि उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने देंगे। सभी खाली पदों पर समयबद्ध तरीके से दोबारा नियुक्तियां की जा रही हैं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

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