हरिद्वार। जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के कालागढ़ डिवीजन के पाखरों रेंज में 2019-20 में पेड़ों की कटान व अवैध निर्माण के मुख्य आरोपित पूर्व डीएफओ किशनचंद को विजिलेंस ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित वैशाली कालोनी से गिरफ्तार कर लिया। आज शनिवार को उसे भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया जाएगा।
निलंबित आईएफएस और हरिद्वार के पूर्व डीएफओ किशन चंद की गिरफ्तारी विजिलेंस के लिए टेढ़ी खीर थी। इसके लिए हरिद्वार पुलिस की मदद से एक ओर उनके घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दबाव बनाया गया, वहीं वेस्ट यूपी के जिलों में दबिश दी गई। उनकी लोकेशन गाजियाबाद में मिली तो टीम तत्काल रवाना की गई। शुक्रवार को गाजियाबाद के वैशाली स्थिति मैक्स अस्पताल परिसर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि इस बीच गिरफ्तारी से बचने के लिए वह नैनीताल हाई कोर्ट भी पहुंचा था। लेकिन कोर्ट ने अग्रिम जमानत से मना कर दिया था।
गिरफ्तारी से बचने के लिए ली थी अखाड़े की शरण
गिरफ्तारी से बचने के लिए ही किशन चंद्र ने श्री गुरु रविदास अखाड़े की शरण ली थी। गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद अखाड़े ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि घोटाला सामने आने के बाद ही उन्हें अखाड़े में महामंत्री बनाया गया था।
एनटीसीए के निरीक्षण में सामने आया मामला
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निरीक्षण में कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पाखरो में टाइगर सफारी के निर्माण के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ काटने, क्षेत्र में मनमानी सड़क निर्माण, मोरघट्टी व पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवन के अतिरिक्त जलाशय का मामला उजागर हुआ। जांच में पता चला कि कार्य के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं ली गई। इस पर अगस्त 2022 में हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस ने किशन चंद व रेंजर बृज बिहारी शर्मा पर प्राथमिकी दर्ज की। रेंजर की गिरफ्तारी के बाद से किशन चंद फरार चल रहा था।
जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं उनकी पत्नी
किशन चंद की पत्नी 26 अगस्त 2000 से 21 सितंबर 2002 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। ज्वालापुर विधानसभा से एक बार कांग्रेस और एक बार निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, नहीं जीत सकी। 2022 के विधानसभा चुनाव में किशन चंद्र ने ज्वालापुर से कांग्रेस के टिकट से दावेदारी की थी, लेकिन टिकट कटने के बाद चुनाव नहीं लड़ा। https://sarthakpahal.com/