देहरादून। एटीएम मशीन में पैसे निकालते समय बटनों का चुनाव भी आपको साइबर ठगी से बचा सकता है। यदि एटीएम के बटन मेटल की जगह प्लास्टिक के हैं तो साइबर ठगी का शिकार होेने की संभावना ज्यादा है।
डीएसपी ने बताया साइबर ठगों का नया पैंतरा
डीएसपी अंकुश मिश्रा ने साइबर ठगों के नए पैंतरे की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि साइबर ठग इन दिनों थर्मल इमेज को नया हथियार बना रहे हैं। उनका कहना था कि जब कोई पैसे निकालने एटीएम में जाता है तो उसकी अंगुलियों की थर्मल एनर्जी (शरीर की ऊर्जा) एटीएम के बटनों में चली जाती है। पीछे से आया साइबर ठग थर्मल इमेज कैमरे से इसकी फोटो खींच लेता है। इस फोटो में छोटे-बड़े चार बिंदु आते हैं। सबसे छोटा बिंदु दर्शाता है कि यह बटन सबसे पहले दबाया गया है। सबसे बड़ा बिंदू दर्शाता है कि यह बटन सबसे बाद में दबाया गया था। इसी तरह बीच के दो बटनों का भी वे पता लगा लेते हैं।
एटीएम से पैसे निकालने के बाद कई बार बटन दबााएं
आदमी के हाथों की ऊर्जा बटनों पर 40 से 50 सेकेंड तक रहती है। इसके बाद साइबर ठग एटीएम कक्ष में आता है तो उसे थर्मल इमेज नहीं मिलती, लेकिन प्लास्टिक के बटनों पर थर्मल एनर्जी काफी देर तक रहती है। इससे दो-चार मिनट तक भी थर्मल इमेज खींची जा सकती है। ऐसे में आपके डेबिड कार्ड का पिन आसानी से पता किया जा सकता है।
साइबर ठगों से बचाव के तरीके
पैसे हमेशा उस एटीएम से निकालें, जहां बटन मेटल के हों। पैसे निकालने के बाद कई बटनों को दबा दें।
पैसे ऐसे एटीएम से निकालें, जिनमें डेबिट कार्ड का पिन स्क्रीन की शुरुआत में ही मांग लिया जाता हो। इससे ट्रांजेक्शन में देर लगेगी और थर्मल एनर्जी बटनों से हट जाएगी।
पीछे खड़ा व्यक्ति आपका पिन न देख सके, इसके लिए दूसरे हाथ से कीपैड को छुपा लें।
ऐसी एटीएम मशीन का उपयोग करें, जहां पर कीपैड के ऊपर कवर लगा हो।