हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंद रविंद्रपुरी और ट्रस्टी अनिल शर्मा सहित कई अन्य ट्रस्टियों पर करोड़ों के चंदे का निजी उपयोग करने तथा रसीदों पर फोटो लगाकर धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश बडोनी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि महंतानी सरस्वती देवी के देहांत के बाद मंदिर का प्रबंध करने वाले चारों लोगों ने सार्वजनिक धर्मार्थ एवं पुर्ण्यार्थ ट्रस्ट मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के नाम पर बनाकर 24 अक्टूबर 1972 में सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन कराया था। उनका आरोप है कि मंदिर में दान की रसीदों पर रविंद्रपुरी की फोटो लगाकर चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। https://sarthakpahal.com/
करोड़ों धनराशि का हो रहा निजी उपयोग
आरोप पत्र में कहा गया है कि मंदिर से अर्जित करोड़ों रुपये के दान के आभूषण, अचल संपत्तियों के साथ ही बैंकों में पहले से जमा करोड़ों रुपये की धनराशि का निजी उपयोग किया जा रहा है। कोर्ट के आदेश जारी होने के बाद नगर कोतवाली में धारा 420, 419, 447, 448, 467, 468, 471 के तहत श्रीमहंत रविंद्रपुरी और ट्रस्टी अनिल शर्मा सहित अन्य ट्रस्टियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सीओ सिटी मनोज ठाकुर का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर संबंधित मामले की जांच की जा रही है।
सारे आरोप मिथ्या, जांच को तैयार : रविंद्रपुरी
मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी का कहना है कि उन पर लगाए गये सारे आरोप निराधार हैं, इनमें कोई सच्चाई नहीं है। जांच में सब साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा पूजा पैसा समाज हित में लगता है। पैसों का कोई निजी उपयोग नहीं होता। वे बोले कि मंदिर के चंदे की जो रसीदें हैं, वो मुख्य कोषाधिकारी के यहां से जारी की जाती हैं।