गुजरात। कहते हैं कि ‘इश्क और जंग में सब जायज है..’ ब्वायफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के इस तरह के किस्से सुनने को मिलते रहते हैं। लेकिन एक प्रेमिका ने इसकी अनोखी मिसाल पेश की। ब्वायफ्रेंड अपनी परीक्षाओं के ऐन वक्त पर उत्तराखंड की वादियों में छुट्टियां मनाने निकल गया तो गर्लफ्रेंड उसकी जगह कालेज में एग्जाम देने बैठ गयी। अब सजा के तौर पर डमी कैंडिडेट बनी लड़की की डिग्री रद्द करने और असल छात्र को तीन साल तक परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।
यह मामला गुजरात स्थित वीर नर्मदा दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी का है। प्रबंधन अगर निष्पक्ष मूल्यांकन को स्वीकार करता है तो डमी उम्मीदवार के तौर पर परीक्षा में बैठी लड़की की सरकारी नौकरी भी जा सकती है। इसके अलावा उसकी खुद की डिग्री पर भी संकट आ सकता है, जो कि खुद ही उसी विश्वविद्यालय की छात्रा रही है। और इतना ही नहीं उसके ब्वायफ्रेंड को भी तीन साल तक परीक्षा देने से रोका जा सकता है।
आमतौर पर यूनिवर्सिटी में जो छात्र अच्छे नंबरों से परीक्षा पास कर चुके होते हैं, वो डमी कैंडिडेट के तौर पर परीक्षा में बैठ जाते हैं। पकड़ी गयी यह लड़की भी बीकाम की परीक्षा पास कर चुकी है और फिलहाल सरकारी नौकरी कर ही है। जांच समिति ने कंप्यूटर की मदद से लड़की की कारस्तानी पकड़ ली। दरअसल लड़की ने कंप्यूटर की मदद से ब्वायफ्रेंड की जगह रोल नंबर में अपना फोटो चस्पा कर दिया और नाम में भी मामूली फेरबदल कर बेधड़क परीक्षा हाल में पेपर देने बैठ गयी।
कैसे पकड़ी गयी गर्लफ्रेंड
आमतौर पर पर्यवेक्षक हर दिन बदलते रहते हैं और उन्हें किसी भी डमी कैंडिडेट के बारे में कुछ पता नहीं होता। हालांकि वे हर छात्र का रोल नंबर चेक करते हैं। इसी हाल में एक छात्र ने पर्यवेक्षक को सतर्क किया कि एक लड़की दूसरे का पेपर दे रही है, बस इसी आधार पर पर्यवेक्षक ने डमी कैंडिडेट को दबोच लिया।
स्कूल के दिनों से है दोनों की दोस्ती
कमेटी की पूछताछ के दौरान पता चला कि लड़की और लड़के दोनों स्कूल के समय से ही अच्छे दोस्त हैं। पकड़े जाने पर जब लड़की के ब्वायफ्रेंड को बुलाया गया तो उसने बताया कि वह घूमने उत्तराखंड चला गया था। इससे पहले भी वह फेल हो चुका है, इसलिए उसकी गर्लफ्रेंड ने सडमी कैंडिडेट बनकर उसे पास करवाने का ठेका लिया था। https://sarthakpahal.com/