सार्थक पहल। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि उनके पास एक बीमा पॉलिसी है, वो भी कुल 50 लाख की। दरअसल आम लोगों को अपने घर में रसोई गैस लाने के साथ ही एक इंश्योरेंस मिलता है। कमाल की बात तो यह है कि इसके लिए आपको एक भी प्रीमियम नहीं देना होता है। इसमें एलपीजी सिलेंडर से गैस लीकेज या ब्लास्ट जैसे हादसे होने की स्थिति में आर्थिक मदद की जाती है। सिलेंडर के कारण एक्सीडेंट होने पर मिलने वाले इंश्योरेंस का पूरा खर्चा इंडियन ऑयल, एचपीसीएल, बीपीसीएल जैसी तेल कंपनियां ही करती हैं।
गैस कनैक्शन लेते ही हो जाते हैं पॅालिसी के लिए इंश्योर्ड
दरअसल, घरों में प्रयोग होने वाली LPG गैस के चलते दुर्घटनाओं के मद्देनजर ये कवर सभी एलपीजी उपभोक्ताओं को दिया जाता है। एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) दशकों से भारतीय घरों में प्रयोग होती रही है। इसमें सरकारी सब्सिडी का बहुत बड़ा योगदान है। हालांकि, कई बार जरा-सी चूक के चलते ये बड़ी विनाशकारी साबित होती है। ऐसे ही किसी हादसे की स्थिति में बीमा का लाभार्थी इसपर दावा कर सकता है। सभी रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को पंजीकृत आवास पर गैस सिलेंडर के कारण दुर्घटना की सूरत में बीमा कवर की सुविधा दी जाती है। आप जैसे ही गैस का कनेक्शन लेते उसके साथ ही आप इस पॅालिसी के लिए इंश्योर्ड हो जाते हैं।
हादसा होने पर कैसे करें बीमा के लिए दावा?
हादसा होने पर पीड़ित को ड्रिस्ट्रीब्यूटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन को जल्द से जल्द सूचना देनी होती है। क्लेम करने के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड FIR की कॉपी के साथ मेडिकल की रसीद, हॉस्पिटल का बिल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मृत्यु होने की स्थिति में डेथ सर्टिफिकेट आदि लगाना होता है। यहां उपभोक्ता को आर्थिक मदद के लिए बीमा कंपनी में सीधे क्लेम के लिए आवदेन करने या उससे संपर्क करने की जरूरत नहीं होती। ऑयल कंपनी ही आपका क्लेम फाइल करके उसे मुआवजा देती है।
बीमा राशि और दावे की पूरी प्रक्रिया mylpg.in के इस लिंक पर देखी जा सकती है।
आईएसआई मार्क पर ही मिलता है क्लेम
अगर हादसे में ग्राहक की प्रॉपर्टी/घर को नुकसान पहुंचता है, तो उसके लिए 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस क्लेम उसी को मिलता है, जिसके नाम पर सिलेडर होता है। आप किसी को भी इस पॉलिसी में नॉमिनी नहीं बना सकते। क्लेम का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है जिनके सिलेंडर का पाइप, चूल्हा और रेगुलेटर आईएसआई (ISI) मार्क का होता है। इसके अलावा सिलेंडर लेते वक्त एक्सपायरी डेट को जरूर देखें। वह इंश्योरेंस से लिंक होता है। https://sarthakpahal.com/