केएस रावत। पूर्वजों की विरासत से अब हाथ छूटने वाला है। सिंहधार निवासी बताती हैं कि हमारे पांच परिवार हैं। सभी के मकानों में दरारें आ गयी हैं। जिंदगी भर साथ रहा कुलदेवता का मंदिर भी टूट गया है। गेट वे आफ हिमालय के नाम से मशहूर जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते असुरक्षित भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू हो जायेगा।
पूर्वजों की विरासत को छोड़ने को तैयार नहीं हैं लोग
उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव के बाद लोगों की आंखों से बहने वाली अश्रुधारा रुकने का नाम नहीं ले रही है, रुकेगी भी कैसे, पूर्वजों द्वारा बरसों से बसा बसाया आशियाना छूट जो गया है। पूरा जोशीमठ रो रहा है। पूर्वजों द्वारा बनाए गये मकान में दरारें पड़ने के बाद घरों को छोड़ने का जीवनभर के लिए दर्द मिल गया है। लोगों की नम आंखें बस अब उत्तराखंड सरकार की ओर टकटकी लगाए हुई हैं कि सरकार उनके भविष्य पर क्या फैसला लेती है। यह प्रकृति की गंभीर चेतावनी है कि लोग पर्यावरण के साथ इस हद तक खिलवाड़ कर रहे हैं कि पुरानी स्थिति को बहाल कर पाना मुश्किल हो गया है।
होटल मलारी इन और माउंट व्यू सबसे पहले गिराया जायेगा
सबसे पहले होटल मलारी इन तोड़ा जाएगा। सुबह नौ बजे से मलारी इन को तोड़ने की कार्रवाई केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होगी। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक मौजूद रहेंगे। इसके बाद उन सभी भवनों को तोड़ा जायेगा, जिनमें दरारें आ चुकी हैं। भवनों को गिराने के लिए लोनिवि की टीम मैकेनिकल तकनीक का इस्तेमाल करेगी।
किसी भी शिकायत के लिए नंबर जारी
किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम जोशीमठ तहसील का नंबर 8171748602 जारी किया गया है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के दूरभाष नंबर 01372- 251437,1077 (टोल फ्री) 9068187120 और 7055753124 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। https://sarthakpahal.com/