
देहरादून। पटवारी पेपर लीक की मास्टरमाइंड ऋतु चतुर्वेदी पेपर की फोटोकापी पहुंचते ही रातोंरात करोड़पति बनने का सपना देखने लगी थी। पेपर की बिक्री से लेकर लेनदेन तक की पूरी जिम्मेदारी उसने स्वयं संभाली और लेखपाल/पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर आउट कर लाखों बेरोजगार युवाओं का सौदा कर दिया। पकड़े जाने पर दोनों पति पत्नी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे।
सवा चार करोड़ रुपये में हुआ था सौदा
संजीव चतुर्वेदी लोक सेवा आयोग की जिस गोपनीय अनुभाग में काम करता था, उसके पास पहली बार ये जिम्मेदारी आई थी। यहां भर्ती परीक्षा से जुड़े आधा दर्जन अनुभाग हैं और यह पहला अवसर था जब चतुर्वेदी के अनुभाग को लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी दी गई। उसने पेपर की फोटो खींचकर अपनी पत्नी को दी और बाकी काम पत्नी ऋतु ने पूरी कर दी। 35 अभ्यर्थियों से 12 लाख रुपये में सौदा हुआ था। ऋतु ने इसके लिए रामपाल से 25 लाख रुपये एडवांस लिए, जबकि शेष रकम 15 दिन के अंदर देने का बात हुई थी।
अमीर बनने के शौक ने पहुंचा दिया हवालात
संजीव चतुर्वेदी ने एसटीएफ को बताया कि मेरी पत्नी ऋतु को अमीर बनने का बहुत शौक था। वह उन पर जल्द से जल्द पैसे कमाने का दबाव डालती रहती थी। चूंकि पिछले साल ही यूकेएसएसएससी की भर्ती परीक्षाओं का पेपर लेक हुआ था, इसलिए उसके दिमाग में भी करोड़ों की कमाई कर हाकम सिंह बनने का सपना चल रहा था। ऋतु ने व्हाट्सअप काल करके ही रामपाल से इस डील का सौदा किया था।
भेद न खुलता तो मिलते 4.20 करोड़
अगर पेपर लीक प्रकरण सामने नहीं आता तो संजीव एवं ऋतु को पूरे अगले 15 दिन के भीतर चार करोड़ 20 लाख रुपये मिल जाते। एसटीएफ की जांच में खुद संजीव ने बताया कि प्रति अभ्यर्थी 12 लाख रुपये में डील फाइनल हुई थी। पेपर लेने के दो दिन बाद रामपाल ने बताया कि 35 अभ्यर्थियों से डील हो गई है। जिस पर उसने रामपाल को बताया कि 4.20 करोड़ रुपये ऋतु तक तय समय तक पहुंचा दे। https://sarthakpahal.com/
फंसने के बाद पति-पत्नी में हुई तकरार
एसटीएफ से पूछताछ के दौरान संजीव ने बताया कि ये पूरा षडय़ंत्र उनकी पत्नी ऋतु ने रचा था, जबकि ऋतु इसका विरोध करती रही। ऋतु ने कहा कि इस काम में उसे उसके पति संजीव ने फंसाया है। वह यह तक झुठला रही कि उसे पूरे मामले की भनक थी। उसने कहा कि संजीव ने उसके मोबाइल पर जानबूझकर पेपर डाला ताकि वो इस मामले से साफ बच जाए।