उत्तराखंडक्राइमबड़ी खबरयूथ कार्नरसामाजिक

हाकम सिंह यहां भी कर गया कांड, 2015 में रिश्वत देकर भर्ती हुए 20 दारोगा निलंबित

Listen to this article

देहरादून। 2015-16 में हुई दारोगा की सीधी भर्ती घपले में 20 दारोगाओं पर गाज गिरी है। प्रकरण की जांच जारी रहने तक इन सभी 20 उपनिरीक्षकों को निलंबित करने के आदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिला प्रभारियों को जारी कर दिए गये हैं। माना ये जा रहा है कि इस दायरे में और भी उपनिरीक्षक आ सकते हैं। राज्य में 339 पदों पर दरोगाओं की सीधी भर्ती की गई थी।

निलंबित दारोगाओं में पौड़ी गाढ़वाल का पुष्पेंद्र भी शामिल
ओमवीर सिंह-देहरादून (चौकी इंचार्ज सभावाला), प्रवेश रावत-देहरादून (चौकी इंचार्ज नालापानी), राजनारायण व्यास-देहरादून, जैनेंद्र राणा-देहरादून (चौकी इंचार्ज खुड़बुड़ा), निखिलेश सिंह बिष्ट-देहरादून, दीपक कौशिक-ऊधमसिंह नगर, अर्जुन सिंह -ऊधमसिंह नगर, बीना पपोला-ऊधमसिंह नगर, जगत सिंह शाही-ऊधमसिंह नगर, हरीश महर-ऊधमसिंह नगर, लोकेश-ऊधमसिंह नगर, संतोषी-ऊधमसिंह नगर, नीरज चौहान-नैनीताल, आरती पौखरियाल-नैनीताल (एलआईयू), प्रेमा कोरमा-नैनीताल, भावना बिष्ट-नैनीताल, पुष्पेंद्र- पौड़ी गढ़वाल, गगन मैठानी-चमोली, तेजकुमार-चंपावत, मोहित सिंह रौथाण-प्लाटून कमांडर एसडीआरएफ

339 पदों पर हुई थी दारोगा की सीधी भर्ती
हाकम सिंह ने तो पूरे प्रदेश को ही डुबो दिया है। प्रदेश में भ्रष्टाचार की चूलें कितनी गहरा गयी हैं कि लगता है कि अब तो सब जगह हाकम ही बैठा है। हाकम के बगैर अधूरा-अधूरा सा लग रहा है। बात भी सही है यदि सभी विभागों में भर्तियों की गहन जांच कराई जाये तो वहां हाकम सिंह बैठा जरूर मिल जायेगा। यूकेएसएसएससी की भर्ती घपले की जांच के बाद गिरफ्तार किए गए नकल माफिया से जब एसटीएफ ने पूछताछ की तो उस दौरान सामने आया की दारोगा भर्ती में भी नकल हुई थी। इस भर्ती की जिम्मेदारी 2015 में गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर को दी गई थी। उस दौरान भी भर्ती में घपले के आरोप लगे थे, लेकिन सरकार की ओर से जांच न कराने के कारण मामला दब गया। इस संबंध में पिछले साल अक्टूबर में विजिलेंस की टीम ने हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया।

पंतनगर यूनिवर्सिटी का एक रिटायर्ड अधिकारी हुआ था गिरफ्तार
यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा की घपलेबाजी में पंतनगर यूनिवर्सिटी का एक रिटायर्ड अधिकारी भी गिरफ्तार हुआ था, जिसके तार नकल माफिया हाकम सिंह रावत के साथ जुड़े। जब गहनता से जांच की गई तो पता चला कि दोनों ने दारोगा भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी करवाई गई थी। https://sarthakpahal.com/

केस डायरी तक लिखना नहीं जानते नकलची दारोगा
2015-16 में हुई सीधी दारोगा भर्ती शुरू से ही सवालों के घेरे में रही। लेकिन, मामला दबता चला गया। सोशल मीडिया पर इस भर्ती को लेकर खूब सवाल उठे। शुरुआत में करीब 35 दरोगाओं की भर्ती सवालों में थी। कहा तो यह तक गया कि इस परीक्षा के बाद भर्ती हुए कई दारोगा ऐसे है जो अपनी केस डायरी भी लिखनी नहीं आती। इस तरह के सवालों के बावजूद इन दरोगाओं में से कई को चौकी इंचार्ज की जिम्मेदारी भी मिली थी।

ओएमआर सीट में गड़बड़ी कर पास हुए थे
जांच में पता चला कि ओएमआर सीट में गड़बड़ी की गयी है। पता तो यहां तक चला है कि करीब 10 फीसदी दारोगा नकल करके पास हुए हैं। इन 20 दारोगाओं पर धारा 420, 466, 467, 201 और 120बी (धोखाधड़ी, कूटरचना, साक्ष्य मिटाना और आपराधिक षड्यंत्र), उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराएं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button