गढ़वाली फिल्म मेरू गौं ने तोड़े रिकार्ड, दिल्ली, एनसीआर में छाई
देहरादून। मेरू गौं पहली ऐसी उत्तराखंडी फिल्म बन गयी है, जो एक ही समय में छह अलग-अलग शहरों में एक साथ चल रही है। फिल्म जिस भी सिनेमा हाल में अभी तक लगी है, वहां, लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। फिल्म के निर्माता निर्देशक ने उत्तराखंड से पलायन और गांवों के खाली होने की कहानी को जिस फिल्म में जिस तरह से उकेरा है, उससे दर्शक बेहद अविभूत हुए हैं।
निर्माता अनुज जोशी, निर्माता राकेश गौड़ ने इस फिल्म में विषय को जिस संवेदना व ईमानदारी से दर्शकों के सामने रखा है, वह दिल झकजोर कर गया। दर्शकों की आंखें इस अपनेपन को देखकर भीग गयी। फिल्म का पहला शो देहरादून के राजपुर रोड स्थित मल्टीप्लेक्स में दिखाया गया था, जो आठवें सप्ताह के बाद भी अभी तक अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
यह फिल्म इस समय ऋषिकेश के रामा पैलेस, कोटद्वार के सिनेमा हाल में चौथे सप्ताह, गाजियाबाद के इंदिरापुरम जयपुरिया माल में तीसरे सप्ताह, नोएडा के स्पाइस माल सेक्टर 25 में व दिल्ली कड़कड़डूमा के क्रास रीवर माल में 20 जनवरी से दिखाई जा रही है। यही नहीं अगले कुछ दिनों में दिल्ली में ही चार अन्य जगहों पर भी ये फिल्म प्रदर्शित होने वाली है।
निर्देशक अनुज जोशी का कहना है कि उत्तराखंड सिनेमा के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। इस फिल्म से उत्तराखंडी फिल्म इंडस्ट्री को नई संजीवनी मिली है। 35 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि एक साथ मेरू गौं इतने शहरों में दिखाई जा रही है। ‘तेरी सौं’ देहरादून में चार हफ्ते चली थी, जबकि अस्सी के दशक में आई आलटाइम हिट फिल्म ‘घरजवैं’ देहरादून में 16-17 हफ्ते चल चुकी है। मेरू गौं फिल्म राज्य में टैक्स फ्री होने का इंतजार कर रही है। यदि राज्य सरकार ऐसा कर देती है तो दर्शक इस फिल्म को देखने को और उमड़ पड़ेंगे। https://sarthakpahal.com/
इस फिल्म ने पहले हफ्ते 1 लाख 10 हजार, दूसरे हफ्ते 1 लाख 2 हजार और तीसरे हफ्ते 1 लाख 20 हजार रुपए का कलेक्शन किया। घरजवैं के बाद यह अपनी लागत वसूल करने के पास पहुंचने वाली पहली फ़िल्म है। मेरु गौं ने लगातार तीन रविवार किसी भी उत्तराखंडी फिल्म के किसी एक दिन में सर्वाधिक कलेक्शन के रिकॉर्ड बनाए हैं।