खेलदेश-विदेशबड़ी खबरमनोरंजनयूथ कार्नर

पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक ने की तीसरी शादी, बेचारी सानिया मिर्जा

Listen to this article

स्पोर्ट्स डेस्क। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शोएब मलिक ने अपने से 11 साल छोटी सना जावेद के साथ निकाह कर लिया है। यह उनकी तीसरी शादी है। इससे पहले वह भारत की ही आयशा सिद्दिकी और टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से निकाह कर चुके हैं। 2010 में सानिया से निकाह के लिए शोएब को आयशा का तलाक देना पड़ा था। इसके बाद अब जब सानिया से दूरियां बढ़ने की खबरें आईं तो हर किसी के मन में यही सवाल था कि क्या दोनों के बीच तलाक हो चुका है? अब सानिया के पिता इमरान मिर्जा के एक बयान से पूरा मामला साफ हो चुका है। तलाक शोएब ने नहीं बल्कि सानिया ने दिया था।

कौन है शोएब ने की तीसरी पत्नी सना जावेद
सानिया शोएब मलिक की दूसरी पत्नी हैं। इससे पहले उन्होंने भारत की आयशा सिद्दिकी से निकाह किया था। 2010 में उन्होंने भारतीय टेनिस स्टार सानिया से निकाह किया था। इसके आठ साल बाद दोनों पैरेंट्स बने। दोनों का एक बेटा है, जिसका नाम इजहान मिर्जा मलिक है। शादी के 13 साल बाद अब दोनों अलग हो गए हैं। अब शोएब ने पाकिस्तानी अभिनेत्री सना जावेद से निकाह कर लिया है। शनिवार को शोएब ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा कर इसकी पुष्टि की।

शोएब ने इस बार पाकिस्तानी ‘टीवी एक्ट्रेस सना जावेद को अपना हमसफर चुना है। शोएब और सना ने अपने निकाह की तस्वीरें आज 20 जनवरी को सोशल मीडिया पर शेयर कर हंगामा मचा दिया है। अब सोशल मीडिया पर शोएब-सना के निकाह की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। https://sarthakpahal.com/

सानिया मिर्जा ने शोएब मलिक को तलाक
सानिया के पिता इमरान ने न्यूज एजेंसी को दिए बयान में कहा- यह ‘खुला’ था। ‘खुला’ के तहत एक मुस्लिम महिला को अपने पति को एकतरफा तलाक देने के अधिकार है। ‘खुला’ की इच्छा सिर्फ बीवी ही रख सकती है। इमरान मिर्जा का यह बयान खूब वायरल हो रहा है।

क्या होता है ‘खुला’?
खुला (Khula) तलाक का ही एक अन्य रूप है। बस तलाक से इसका अंतर इतना है कि यह महिला की तरफ से लिया जा सकता है। खुला के जरिए महिला अपने शौहर से संबंध तोड़ सकती है। तलाक में पुरुष अपनी पत्नी से अलग होने का फैसला करता है तो वहीं दूसरी तरफ खुला में बीवी अपने शौहर से अलग होने का फैसला करती है। इस तरह के तलाक जिक्र ‘कुरान’ और ‘हदीस’ में भी है।

‘खुला’ के लिए पति और बीवी दोनों की सहमति होनी जरूरी होती है। खुला की प्रक्रिया उन मुस्लिम महिलाओं को सम्मानजनक और सम्मानजनक तरीके से तलाक लेने का विकल्प प्रदान करती है जो अपनी शादी से नाखुश हैं। एक बार तलाक दिए जाने के बाद पत्नी को या तो अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा वापस करना पड़ता है या अपना कुछ अधिकार छोड़ना पड़ता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button