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दिल्ली को हर रंग में समेटे मुगल गार्डन अब इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जायेगा

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केएस रावत। इतिहास के कई किस्से-कहानी खुद में समेटे हुए राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन अब खुद एक इतिहास बन जाएगा। केंद्र ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया है। मुगल गार्डन ने दिल्ली का हर रंग देखा। अंग्रेजों का शासन देखा, आजादी का संघर्ष देखा और आजादी के बाद फलता-फूलता भारत भी देखा। अब इसे अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा।

अंग्रेजों ने बनवाया था, लेकिन नाम रखा था मुगल गार्डन


1911 में अंग्रेजों ने कोलकाता की जगह दिल्ली में रायसीना की पहाड़ी को काटकर वायसराय हाउस (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) बनाया गया और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए खास तरह का बगीचा बनाया गया, जिसमें फूल-पौधे और पेड़ों की प्रजातियां लगाई गईं। करीब 15 एकड़ में फैले इस बाग में 10,000 से ज्यादा ट्यूलिप (कंद-पुष्प), गेंदा, स्वीट विलियम समेत देशी-विदेशी फूलों की कई प्रजातियां है। इसमें 138 तरह के गुलाबों के साथ 150 प्रमुख प्रजातियां हैं और 70 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 5,000 मौसमी फूल हैं, जिसके कारण यह विश्व के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक है। इसे पुरानी मुगल शैली में बनाया गया है।

लूटियंस ने साल 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया और साल 1928 में मुगल गार्डन बनकर तैयार हुआ। इस गार्डन में भारतीय संस्कृति और मुगलशैली की झलक देखने को मिलती है, जिसे सर एडिवन लूटियंस ने पेश किया था। मुगल गार्डन के डिजाइन को ताजमहल के बगीचों, जम्मू और कश्मीर के बगीचों से प्रेरित माना जाता है।

31 जनवरी से 30 मार्च तक खुला रहेगा अमृत उद्यान


नाम बदलने की घोषणा के बाद दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों ने ‘मुगल गार्डन’ नाम वाला पुराना बोर्ड भी हटा लिया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक में बताया गया है कि इस साल 31 जनवरी से 30 मार्च तक अमृत उद्यान खोला जाएगा। अमृत उद्यान में उन्हीं लोगों की एंट्री होगी, जो लोग ऑनलाइन अग्रिम बुकिंग के जरिए पास लेकर आएंगे। गार्डन सुबह 10 बजे से 4 बजे तक खुला रहेगा. अमृत उद्यान को दो टाइमिंग स्लॉट में खोला जाता है. सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक 7 हजार 500 लोगों के लिए ही टिकट जारी किए जाएंगे। https://sarthakpahal.com/

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