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‘आरोपियों को बचा रही सरकार’ वकील बदलने के लिए मां ने सीएम धामी को लिखी चिठ्ठी

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देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड में सरकार के विशेष अभियोजन अधिकारी की नियुक्ति पर अंकिता के परिजनों ने सीएम धामी को चिट्ठी लिखकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इस संबंध में उनसे कोई सलाह नहीं ली गयी और न ही उनको इस बारे में कोई जानकारी दी गयी।

अंकिता की मां बोली, हमें सरकारी वकील पर भरोसा नहीं
उन्होंने इस केस की पैरवी भरोसेमंद वकील से करवाने की मांग की है। अंकिता की मां सोनी देवी ने डीएम आशीष चौहान के माध्यम से भेजी चिट्ठी में कहा कि डीजीसी जितेंद्र रावत के बजाय इस केस की पैरवी अन्य किसी भरोसेमंद क्रिमिनल ऑफेंस के वकील से करवाई जाए। विदित हो कि प्रदेश सरकार द्वारा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद डीजीसी जितेंद्र सिंह रावत को अंकिता भंडारी की पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किए गया है। अंकिता के परिजन इस केस की पैरवी जितेंद्र रावत के बजाय अन्य वकील से करवाना चाहते हैं। https://sarthakpahal.com/

आरोपियों को बचा रही है सरकार
कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। इससे यह साबित होता है कि सरकार इस मामले को दबाना चाहती है। किसी नामी अधिवक्ता की जगह लोक अभियोजक की नियुक्ति कर इस मामले में आरोपियों की जीत सुनिश्चित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट से मुकदमा जारी करने की भी हाईकोर्ट द्वारा राय दी गई है, परंतु सरकार ने अभी तक इस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार अंकिता भंडारी हत्याकांड में पैरवी के लिए किसी जाने-माने क्रिमिनल वकील की नियुक्ति नहीं करती है तो वे इसके विरुद्ध मुख्यमंत्री आवास पर सत्याग्रह करेंगे।

अंकिता की मां सोनी देवी ने मुख्यमंत्री धामी को भेजे पत्र में यह भी कहा है कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के दौरान उनका प्रतिनिधि को भी वहां मौजूद रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सरकारी अधिवक्ता तैनात करने की निंदा
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में राज्य सरकार द्वारा बिना अंकिता के परिजनों की सहमति के विशेष लोक अभियोजक को अधिवक्ता नियुक्त किए जाने की निंदा की है।

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