देहरादून। उत्तराखंड में कई स्थानों पर भूधंसाव ने लोगों का जीना हराम कर दिया है। जोशीमठ की तरह ही धारचूला के ततांंरोतो गांंव में भी भूधंसाव से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। लोग अपने घरों को छोड़कर सामुदायिक भवनों में रह रहे हैं। घरों की नींव हिल रही हैं और घरों में दरारें पड़ रही हैं।
2013 से हो रहा है भूधंसाव
जोशीमठ में भूधंसाव जैसी आपदा धारचूला तहसील के चौदास ततांरोतो गांव के लोग भी जूझ रहे हैं। यहां पर वर्ष 2013 से लगातार भूधंसाव हो रहा है। लोगों के घरों में दरारें पड़ गयी हैं और कई घर तो जमीन धंसने के कारण नीचे की ओर जा रहे हैं। ऐसे में यहां के लोग हमेशा ही मौत के साए में रहते हैं। इनकी शिकायत है कि शासन प्रशासन से कई बार पत्राचार के बावजूद अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। https://sarthakpahal.com/
प्रशासन नहीं ले रहा सुध
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस क्षेत्र में हालात बहुत खराब हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने संज्ञान नहीं ले रहा है। क्षेत्र के हालातों का संज्ञान लेने के लिए स्थानीय लोगों के जरिए दिए ज्ञापनों की फाइलें अब तक फाइलों में ही दफन हैं। लोग ततांरोतो गांव के लोग परेशान हाल हैं और अब वे आंदोलन करने के मूड में हैं। सीमांत धारचूला के लोग प्रशासन पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं। भूधंसाव की त्रासदी से जूझ रहे लोग विस्थापन की राह देख रहे हैं।
जोशीमठ जैसा हो जाएगा यहां का हाल
गांव में संदीप कुमार, जयंती देवी, हरक सिंह सहित अन्य कई लोगों के मकान हैं, जो आज गिरने की स्थिति में हैं। कई मकान तिरछे हो चुके हैं। गौशालाएं टूट चुकी हैं, जिसके चलते लोग अपने घरों को छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। नदी के कटाव से पूरे क्षेत्र में धंसाव हो रहा है। इसके चलते चट्टान भी लगातार खिसक रही हैं।