अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित के नार्को टेस्ट पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
नैनीताल। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य को नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नैनीताल हाईकोर्ट ने पुलकित आर्य के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर तीन हफ्तों में जवाब दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं। आपको बता दें कि 10 जनवरी को कोटद्वार मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी पुलकित आर्य के नार्को पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के आदेश दिए थे।
पुलकित ने नार्को टेस्ट के आदेश को चुनौती दी थी
कोटद्वार की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम भावना पाण्डे ने दस जनवरी को इस चर्चित हत्याकांड के अभियुक्त पुलकित आर्य के नार्को टेस्ट के आदेश पास किये थे। पहली से तीन फरवरी को आरोपी पुलकित का फारेंसिक साइंस लैब दिल्ली में टेस्ट होना था। इसी बीच पुलकित ने याचिका दायर कर निचली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। आरोपी का कहना था कि उसे नार्को टेस्ट के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उसने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का आधार दिया। जबकि सरकार की ओर से याचिका का विरोध करते हुए कहा कि खुद याचिकाकर्ता ने ही इसकी सहमति प्रदान की थी।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता के नार्को टेस्ट पर रोक लगा दी। साथ ही सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। बता दे कि रिसेप्शनिष्ट की ऋषिकेश क्षेत्र में हत्या की गई थी। शव नहर से बरामद किया गया था। इस मामले में पुलिस की ओर से पुलकित सहित तीन को आरोपी बनाया गया है। जो फिलहाल जेल में बंद हैं। https://sarthakpahal.com/
सौरभ भास्कर, अंकित गुप्ता और पुलकित आर्य पर हत्या सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुलकित राज्य के एक पूर्व भाजपा नेता का बेटा है और एक रिसॉर्ट चलाता था, जहां 19-वर्षीया अंकिता भंडारी काम करती थी। आरोपियों के खिलाफ अपराध के साक्ष्य को गायब करने या झूठी सूचना देने, आपराधिक साजिश रचने और यौन उत्पीड़न से संबंधित आईपीसी की विभिन्न धाराओं तथा अनैतिक देह व्यापार रोकथाम अधिनियम के तहत भी आरोप लगाये गये हैं।