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उत्तर पुस्तिका में अपशब्द लिखा तो सीधे जेल जायेंगे, सख्त कानून में कुर्की भी होगी

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देहरादून। उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिका में यदि कोई परीक्षार्थी अपशब्द लिखता तो उसे सीधे जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता। राज्य में लागू हो चुके उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों पर नियंत्रण एवं रोकथाम के उपाय) कानून में यह प्रावधान भी किया गया है।

शुक्रवार देर रात से लागू हो चुका है नकलरोधी अध्यादेश
शुक्रवार देर रात राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) के हस्ताक्षर के बाद नकलरोधी अध्यादेश 2023 लागू हो गया। शनिवार को अपर सचिव विधायी एवं संसदीय कार्य महेश कौशिबा ने इसकी गजट अधिसूचना जारी कर दी। प्रदेश में लागू हो गए इस कानून के तहत परीक्षा संबंधी कदाचार में शामिल दोषियों पर आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

बची-खुची संपत्ति भी होगी कुर्क
नया कानून जिलाधिकारियों (डीएम) को अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का भी अधिकार देता है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में हाकम सिंह और अन्य अपराधियों की जमानत पर रिहाई से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने नए कानून के तहत अपराधों को संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनीय बना दिया है। बता दें कि यूकेएसएसएससी घोटाले के 25 अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है।

विशेष अदालतों में होगी पंजीकृत मामलों की सुनवाई
अध्यादेश की प्रमुख विशेषताओं में से एक यह है कि अध्यादेश के तहत पंजीकृत मामलों को केवल एक विशेष अदालत में ही सुना जाएगा। उच्च न्यायालय (एचसी) के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से राज्य सरकार सत्र अदालतों को कानून के तहत मामलों के लिए विशेष अदालतों के रूप में नामित करेगी। नए कानून के तहत सभी मामलों की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और उससे ऊपर की रैंक के पुलिस अधिकारी ही करेंगे।

बिना वारंट के होगी गिरफ्तारी
नकल विरोधी कानून को और अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास में प्रथम जांच रिपोर्ट एफआईआर जैसे प्रावधान अब बिना किसी प्रारंभिक जांच के किए जा सकेंगे। जांच अधिकारी (आईओ) अनुमोदन के बिना गिरफ्तारी कर सकते हैं।

अभद्र भाषा का प्रयोग किया तो होगी जेल
विभिन्न परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने वाले शिक्षकों को आमतौर पर परीक्षार्थियों द्वारा कापियों में इस्तेमाल की जाने वाली अभद्र भाषा का सामना करना पड़ता है। वे केवल संबंधित प्राधिकारी से शिकायत कर सकते थे, लेकिन नकल विरोधी कानून में ऐसा करने पर अभ्यर्थी पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जा सकेगी। नए कानून के तहत अभद्र भाषा के प्रयोग को अनुचित साधन की श्रेणी में रखा गया है, जिसके तहत तीन साल की कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे उम्मीदवारों को भविष्य में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित भी किया जा सकता है। https://sarthakpahal.com/

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