यमकेश्वर। सीएम से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसमें शामिल पटवारी की फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इस फोटो में बेरोजगार संगठन के पदाधिकारियों से सीएम धामी मुलाकात दिखाई दे रहे हैं। राजस्व उपनिरीक्षक भी इस फोटो में दिखाई दे रहा है। संगठ के साथ सीएम की राउंड टेबल वार्ता के दौरान उपनिरीक्षक दीपक बेलवाल बैठा दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस मामले का उपजिलाधिकारी पौड़ी ने संज्ञान लिया है। एसडीएम ने इस मामले के जांच के आदेश दे दिये हैं। वहीं, वायरल हो रहे इस फोटो पर कांग्रेस ने भी सवाल खड़े किये हैं।
एसडीएम ने दिये जांच के आदेश
दरअसल, पौड़ी तहसील के अंतर्गत कार्यरत पटवारी दीपक बेलवाल इस समय श्रीनगर क्षेत्र में तैनात है। इन दिनों सोशल मीडिया पर पटवारी दीपक बेलवाल की फोटो जमकर वायरल होने पर एसडीएम सदर आकाश जोशी ने जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो करीब एक महीने पहले की है, जिसमें उपनिरीक्षक दीपक बेलवाल मुख्यमंत्री धामी के साथ खड़े हैं। उन्होंने बताया कि एक माह पहले बेरोजगार संगठन का प्रतिनधिनंडल पीसीएस मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा था और दीपक बेलवाल भी उस प्रतिनिधि मंडल में शामिल था। एसडीएम ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को इस प्रकार का आचरण शोभा नहीं देता। पटवारी पर नियमानुसार विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के सदस्य गणेश जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री से जो प्रतिनिधिनंडल मिला था, वह बेरोजगार संग का नहीं था। कुछ लोग पीसीएस परीक्षा से जुड़े छात्र थे, और बाकी कुछ और भी थे। इस मुलाकात का बेरोजगार संघ का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांग 13 साथियों की जमानत और उन पर मुकदमे खत्म कराने की है। बाबी पंवार के बाहर आने के बाद ही मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद धरना स्थगित करने को लेकर कोई अंतिम फैसला होगा।
पटवारी बेलवाल हो चुका है निलंबित
सीएम से मिलने गये बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल में शामिल पटवारी दीपक बेलवाल पहले निलंबित भी हो चुका है। इस समय वह पौड़ी गढ़वाल जिले में अटैच है। दीपक बेलवाल कुछ समय पहले वित्तीय अनियमितताओं में निलंबित हुआ बताया जा रहा है। वहीं, खजान सिंह राणा करनपुर के राणा कोचिंग इंस्टीट्यूट का संचालक है। उसने सफाई देते हुए कहा कि वह छात्रों के कहने पर सीएम आवास जरूर गये थे, परंतु बेरोजगार संघ के बैनर से नहीं गये थे।
खुद सूचना विभाग ने फैलाया भ्रम
सोशल मीडिया पर यह चर्चा हो रही है कि गलत लोगों को सीएम से मिलाकर अधिकारियों ने न केवल सीएम को गुमराह करने का प्रयास किया, बल्कि आंदोलन को भी खत्म करने की साजिश रची। जब इसका विरोध हुआ तो आनन-फानन में सूचना विभाग द्वारा संशोधित विज्ञप्ति जारी की गयी। इसमें बेरोजगार संघ के साथ पीसीएस मुख्य भर्ती परीक्षा अभ्यर्थी संघ के सदस्यों को शामिल बताया गया। https://sarthakpahal.com/