
नई दिल्ली। नई दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक लोकनायक अस्पताल में एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि एक नवजात बच्ची जो जन्म से पहले ही पैदा हो गयी थी, उसे मरा हुआ बताकर डिब्बे में पैक कर भेज दिया। जब परिजनों ने डिब्बा खोला तो बच्ची जिंदा मिली। परिजनों का आरोप है कि जब वह बच्ची को दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे देखने से किया मना कर दिया। सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी ने अब इस मामले में हस्तक्षेप किया है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान उठ खड़े हुए हैं।
दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक लोकनायक अस्पताल से एक बड़ी लापरवाही की खबर सामने आ रही है। यहां पैदा हुई एक बच्ची के माता-पिता का आरोप है कि अस्पताल ने बच्ची के जन्म के बाद उसे मृत घोषित कर और डिब्बे में बंद कर घर भेज दिया था। जब परिजनों ने घर पहुंचकर वो डिब्बा खोला तो बच्ची जिंदा मिली।
नवजात बच्ची को परिजन वापस अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने देखने से किया मना कर दिया। सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी ने अब इस मामले में हस्तक्षेप किया है। डीसीपी सेंट्रल ने संज्ञान लेते हुए इस बच्ची की जान बचाने के लिए अस्पताल के आला चिकित्सकों से संपर्क किया है। फिलहाल बच्ची बच गई है। पुलिस की मदद से सघन इलाज चल रहा है। बच्ची आईसीयू में भर्ती है।
24 हफ्ते में ही जन्म हो गया था बच्ची का
बताजा रहा है कि यह बच्ची प्रीमैच्योर (समय से पहले) डिलीवरी के फलस्वरूप जन्मी है। उसका वजन मात्र 525 ग्राम है और 6 महीने यानी 24 हफ्ते में पैदा हुई है। इस समय बच्ची आईसीयू में भर्ती है। परिवार वाले अस्पताल पर आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि ये अस्पताल की बड़ी लापरवाही है कि नवजात जिंदा बच्ची को मृत बता दिया। परिवार का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से उनकी जान जा सकती थी। बच्ची करीब ढाई घंटे तक डिब्बे में बंद थी, इससे उसका दम घुट सकता था।
अस्पताल कुछ और ही कह रहा
वहीं इस मामले में लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि डॉक्टर ने ऐसा कुछ नहीं किया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। एमएस सुरेश कुमार ने ये भी कहा कि लापरवाही की बात सही नहीं है। सभी वरिष्ठ डॉक्टर 24 हफ्ते (6 महीने) की इस 525 ग्राम की बच्ची को बचाने में लगे हुए हैं। हम सब बच्ची को बचाने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। साथ ही ये भी बता दें कि यह बच्ची कभी घर गई ही नहीं थी। जब बच्ची का जन्म हुआ तो लगा कि मृत है लेकिन बाद में देखा गया तो उसमें हरकत थी, जिसके बाद से उसका आईसीयू में इलाज चल रहा है। https://sarthakpahal.com/
दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे सवाल
घटना के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, नवजात बच्ची के के घरवालों का कहना है कि वह किस हाल में है और उसकी देखभाल ठीक से हो रही है या नहीं, हमें तो इसकी भी जानकारी नहीं है। परिवार का कहना है कि दिल्ली सरकार को इस मामले में ध्यान देना चाहिए। वहीं, इस मामले पर एलएनजेपी अस्पताल ने चुप्पी साध ली है।