उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में शनिवार देर रात एक के बाद एक भूकंप के तीन झटकों से लोग दहशत में आ गये। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों को छोड़कर बाहर निकल आए। फिलहाल इस दौरान किसी तरह के जान-माल की कोई सूचना नहीं है। भूकंप का पहला झटका रात 12:40, दूसरा झटका 12:45 व तीसरा झटका 1:01 पर महसूस किया गया।
शनिवार देर रात आए भूकंप के झटकों ने वर्ष 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा कर दी है। 20 अक्तूबर 1991 को आए 6.6 रिक्टर स्केल के भूंकप ने भारी कहर बरपाया था। त्रासदी में करीब 768 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
भूकंप का केंद्र सिरोर के जंगल में बताया गया
स्थानीय लोगों ने बताया कि भूकंप के झटकों से अचानक खिड़की और दरवाजे जोर से हिलने की आवाज सुनाई दी। इसके अलावा किचन में रखें कुछ बर्तन भी गिर गए। लोग काफी देर तक घरों के बाहर ही रहे। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 12ः45 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.5 थी। जिसका केंद्र तहसील भटवाड़ी के अंतर्गत सिरोर के जंगल में बताया जा रहा है। भूकंप से कहीं से भी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। वहीं श्रीनगर और जम्मू कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। https://sarthakpahal.com/
बार-बार भूकंप आना किसी बड़े खतरे का इशारा?
बार-बार आने वाला भूकंप क्या किसी खतरे की ओर इशारा कर रहा है। एक्सपर्ट्स भी इस आशंका को मना नहीं करते हैं। एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा हिमालय रीजन की बेल्ट से है। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (एनसीएस) के अनुसार दिल्ली में बड़े भूकंप की आशंका कम है, लेकिन इससे पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा इस समय हिमालय रीजन की बेल्ट से है।