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मंगलवार (आज) दो घंटे 27 मिनट तक रहेगा होलिका दहन का समय

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देहरादून। होली या रंगोत्सव का त्योहार हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस साल 2023 में होली बुधवार 8 मार्च को देशभर में मनाई जाएगी। होलिका दहन को असमंजस की स्थिति है। इसका कारण यह है कि, होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किया जाता है, लेकिन इस साल फाल्गुन पूर्णिमा दो दिन पड़ रही है, जिस कारण होलिका दहन की तिथि को लेकर संशय बना हुआ था।

होलिका दहन फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन किया जाता है। फाल्गुन माह के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च शाम 6:17 पर शुरू हो चुकी है, जिसका समापन 7 मार्च शाम 6:09 पर होगा। इसलिए कई जगहों पर 6 मार्च सोमवार की अर्धरात्रि को होलिका दहन किया गया, क्योंकि 6 मार्च को प्रदोष काल भद्रा से व्याप्त है और भद्रा अर्धरात्रि से 7 मार्च को तड़के 5 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो रही है। वहीं देश के अधिकांश हिस्से में 7 मार्च को ही होलिका दहन किया जायेगा। 7 मार्च को होलिका दहन के लिए शाम 6:31 से रात 8:58 का समय शुभ रहेगा।

पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि का समापन सात मार्च को शाम 6.09 बजे तक होगा। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल में होलिका दहन होता है। सात मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त शाम 6:31 बजे से शुरू होगा जो रात 8.58 तक रहेगा। यानि होलिका दहन का कुल समय 2 घंटे 27 मिनट है। इस समय में होलिका पूजन होगा और फिर होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन के दिन सात मार्च को भद्रा काल सुबह 5.15 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन के लिए पूजा सामग्री
होलिका की पूजा के लिए आपको गंगाजल, सूखे उपले, सूखी लकडी, घास कलश में जल, माला, रोली, चावल, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, बताशे, गुलाल, नारियल, नई फसल के धान्य आदि सामग्रियों की आवश्यकता होगी। होलिका की अग्नि बेहद पवित्र मानी जाती है। ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि होलिका की 7 बार परिक्रमा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अग्नि को पंचतत्वों में सबसे पवित्र माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि होलिका की राख घर में लाने से सारी नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती हैं। कहते हैं कि जब भी किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए जाएं तो इस राख का तिलक लगाकर जाएं, उससे हर कार्य में सफलता मिलती है।

होलिका दहन के समय होलिका की अग्नि में सामग्रियों को डालते समय इस मंत्र को बोलें-
‘अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।’

आप सभी को परिवार सहित होलिका दहन की शुभकामनाएं

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