
जबलपुर। खंडवा की एक 40 वर्षीय महिला ने MP High Court में एक याचिका दायर की है, जिसमें उसने इंदौर जेल में बंद पति से शारिरिक संबंध स्थापित कर संतान उत्पन्न करने की अनुमति मांगी है। महिला का कहना है कि वह मां बनना चाहती है, लेकिन पति के जेल में बंद होने की वजह से उसका यह अधिकार उसे छिन रहा है।
संतान के लिए कैदी पति से संबंध बनाने का आवेदन
महिला की ओर से MP High Court के जस्टिस ने अदालत में पैरवी करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में हर आदमी को संतान सुख प्राप्त करने का अधिकार है और वह अपनी संतति आगे बढ़ा सकता है। महिला की ओर से कोर्ट में कहा गया कि मेरी उम्र 40 वर्ष हो गई है, मेरे पति बीते 7 साल से भारतीय दंड संहिता की धारा 351 और 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। ऐसी स्थिति में पति का जेल से बाहर आना संभव नहीं है। इसलिए मेरा संतान सुख प्राप्त करने का अधिकार छिन रहा है और इसकी वजह कानून है।
उम्र ज्यादा होने की वजह से नहीं मां बन सकती महिला
सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट ने कहा कि इस फरियादी को इसलिए रियायत नहीं दी जा सकती, क्योंकि फरियादी महिला की उम्र अधिक हो गई है और अब वह मां नहीं बन सकती।
हाई कोर्ट ने दिये महिला के मेडिकल परीक्षण के आदेश
जस्टिस विवेक अग्रवाल ने पूरे मामले को सुना और आदेश दिया है कि महिला के शरीर का मेडिकल परीक्षण किया जाए की, क्या वह मां बनने की क्षमता रखती है या नहीं। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर की पांच डॉक्टरों की टीम महिला का मेडिकल टेस्ट करे। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
सामान्य तौर पर महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति 40 से 45 वर्ष की उम्र में आने लगती है, ऐसी स्थिति में महिलाएं मां नहीं बन पाती। इसलिए कोर्ट ने आवेदन करने वाली महिला की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है, इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।
केवल संतान उत्पत्ति के लिए संबंध
ऐसी संभावना लग रही है कि मेडिकल रिपोर्ट के बाद कोर्ट उनके महिला के पक्ष में फैसला कर सकता है। ऐसी स्थिति में संतान उत्पत्ति के प्राकृतिक तरीके के अलावा वैकल्पिक तरीके का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मामले में आगे क्या होगा, यह कोर्ट तय करेगा। https://sarthakpahal.com/